
अल्मोड़ा। विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा में आयोजित ‘कृषि संरचनाओं और पर्यावरण प्रबंधन में प्लास्टिक इंजीनियरिंग’ पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना की 21वीं वार्षिक कार्यशाला के दूसरे दिन शुक्रवार को दो तकनीकी सत्र आयोजित हुए। इन सत्रों की अध्यक्षता भाकृअनुप के उपमहानिदेशक (अभियांत्रिकी) डॉ. एस. एन. झा ने की। कार्यशाला के दौरान देशभर के 14 सहयोगी केंद्रों — अल्मोड़ा, भुवनेश्वर, लुधियाना, अबोहर, उमियम, जूनागढ़, रांची, श्रीनगर, गंगटोक, उदयपुर, डापोली, दिरांग, मखदूम और रायचूर — के वैज्ञानिकों और कृषि अभियंताओं ने अपने-अपने केंद्रों की उपलब्धियां प्रस्तुत कीं। पूर्ण सत्र की अध्यक्षता डॉ. एस. एन. झा और सहअध्यक्षता डॉ. के. नरसैया, सहायक महानिदेशक (प्रोसेस इंजीनियरिंग), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली ने की। दोनों विशेषज्ञों ने प्रस्तुत कार्यों की समीक्षा करते हुए कृषि अभियान्त्रिकी को सुदृढ़ करने और प्लास्टिक तकनीक के प्रभावी उपयोग के लिए भविष्य की रणनीति पर विचार-विमर्श किया। कार्यशाला में देश के विभिन्न हिस्सों से आए लगभग 50 वैज्ञानिकों, कृषि अभियंताओं, नीति निर्माताओं और प्रसार विशेषज्ञों के साथ-साथ डॉ. राकेश शारदा, डॉ. टी. बी. एस. राजपूत, डॉ. एस. पटेल और अभियंता आनंद जामब्रे भी उपस्थित रहे।



