
रुद्रपुर (आरएनएस)। रुद्रपुर में एक महिला की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले ने गंभीर रूप ले लिया है। पुलिस ने मृतका के पिता की तहरीर पर दहेज हत्या, जबरन लिंग परीक्षण और गर्भपात कराने के आरोप में रुद्रपुर जिला अस्पताल की पूर्व चिकित्सक दिव्यांशी गोयल सहित पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
आवास विकास, रुद्रपुर निवासी बलराम अग्रवाल ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि उनकी बेटी ज्योति अग्रवाल की शादी 22 अप्रैल 2023 को प्रतापपुर, नानकमत्ता निवासी दिपांशु मित्तल से हुई थी। विवाह के समय उन्होंने 51 लाख रुपये नकद, इनोवा कार, सोने की चेन, अंगूठियां, पंद्रह लाख रुपये के कपड़े और चार लाख रुपये का गृहस्थी का सामान दिया था।
बलराम अग्रवाल का आरोप है कि शादी के बाद से ही दिपांशु मित्तल, उसकी मां इंदु मित्तल, पिता सुनील मित्तल, भाई हिमांशु मित्तल और बहन डॉक्टर दिव्यांशी गोयल ने दहेज की मांग को लेकर उनकी बेटी को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। 26 दिसंबर 2023 को ज्योति ने एक बेटी को जन्म दिया, जिसके बाद ससुराल पक्ष और अधिक नाराज हो गया। परिजनों ने उस पर एक करोड़ रुपये और फॉर्च्यूनर कार लाने का दबाव बनाया।
आरोप है कि वर्ष 2025 में ज्योति दोबारा गर्भवती हुई तो ससुरालियों ने जबरन लिंग परीक्षण कराया। परीक्षण में कन्या भ्रूण की पुष्टि होने पर डॉक्टर दिव्यांशी गोयल, सास इंदु मित्तल और अन्य परिजनों ने अवैध रूप से गर्भपात करा दिया। बलराम अग्रवाल का कहना है कि गर्भपात के दौरान लापरवाही और गलत दवाओं के कारण ज्योति की तबीयत बिगड़ती चली गई।
चार जुलाई 2025 को ज्योति के ससुराल वालों ने उन्हें सूचना दी कि ज्योति का व्यवहार असामान्य हो गया है और उसे नशा मुक्ति केंद्र, नोएडा ले जाया जा रहा है। बलराम अग्रवाल जब वहां पहुंचे तो डॉक्टर ने बताया कि ज्योति को नशे की नहीं, बल्कि गलत दवाओं के असर से दिक्कत हुई है। इसके बाद उसे डे-केयर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां एमआरआई जांच में ब्रेन ब्लीडिंग पाई गई।
इसके बाद ज्योति को गुरुग्राम स्थित एक अस्पताल में ले जाया गया, जहां 10 जुलाई को उसकी हालत गंभीर हो गई। उसे आईसीयू में भर्ती किया गया, लेकिन 11 जुलाई को ससुरालीजन उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर घर ले गए। पिता का आरोप है कि रास्ते में ही ससुराल पक्ष ने उसकी हत्या कर दी।
पुलिस के अनुसार, आरोपी डॉक्टर दिव्यांशी गोयल पूर्व में जिला अस्पताल रुद्रपुर में संविदा पर कार्यरत थीं और बाद में उन्होंने पद छोड़ दिया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने सभी आरोपितों के खिलाफ दहेज हत्या, लिंग परीक्षण अधिनियम और अन्य संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।





