
नई टिहरी(आरएनएस)। कृषि विज्ञान केंद्र रानीचौरी में रबी कृषि गोष्ठी आयोजित की गई। किसानों को गेहूं,सरसों,तोरिया से लेकर अन्य रबी फसलों की बुआई की जानकारी दी। कहा कि किसानों को बुआई से पहले बीज का चयन करते समय पर संबंधित क्षेत्र की जलवायु का भी ध्यान रखना चाहिए। कहा कि सही बीज का चयन होने से ही अच्छी उपज हो सकती है। रानीचौरी में आयोजित कृषक गोष्ठी का वानिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ.टीएस मेहरा,मुख्य पशुचिकित्साधिकारी डॉ.डीके शर्मा,कृषि रक्षा अधिकारी सोमांश गुप्ता ने दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। उन्होंने पीएम किसान सम्मान निधि,पीएम कृषि सिंचाई योजना,कृषि यांत्रिकीकरण,पीएम धन धान्य योजना,दलहन आत्म निर्भरता मिशन,पशुओं हेतु खुरपका,मुंहपका के टीकाकरण और उनका बीमा कराने की जानकारी दी। कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ.आलोक येवले रबी फसलों की वैज्ञानिक तकनीक पर जोर दिया। उन्होंने गेहूं कि वीएल 953,वीएल 892, वीएल 907,सरसों कि पीपीएस 1,पंत श्वेता और तोरिया कि पंत हिल तोरिया 1 की विशेषता बताई। उन्होंने फसलों के बुआई से पहले बीजों के परीक्षण की जानकारी दी। डॉ.जेसी कुनियाल ने जल और मृदा संरक्षण के लिए प्रोत्साहित किया। डॉ.सचिन कुमार ने प्राकृतिक खेती द्वारा फसल उत्पादन एवं फसल सुरक्षा उपाय के बताए। साथ ही बीजमृत, जीवामृत और नीमास्त्र आदि बनाने की विधि साझा की। डॉ.कीर्ति कुमारी ने विभिन्न उपयोगी फसलों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि किसानों को प्रधानमंत्री के संदेश से भी प्रेरणा लेनी चाहिए। इस मौके पर प्रगतिशील किसान गुड्डी देवी,उदय सिंह तड़ियाल समेत 200 किसानों ने प्रतिभाग किया।