
देहरादून। उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियों को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक कार्यक्रम घोषित नहीं हुआ है, लेकिन गुरुवार दोपहर सोशल मीडिया पर चुनाव का एक कथित कार्यक्रम तेजी से वायरल हो गया। इस फर्जी पत्र में पंचायत चुनाव की तिथियों सहित पूरा कार्यक्रम दर्शाया गया था, जिससे जनमानस में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई।
वायरल होते ही यह पत्र चर्चा का विषय बन गया और लोगों के बीच इसे लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जाने लगीं। मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य निर्वाचन आयोग ने तत्काल प्रतिक्रिया देते हुए वायरल पत्र को पूर्णतः भ्रामक और तथ्यहीन करार दिया।
राज्य निर्वाचन आयोग की प्रभारी संयुक्त सचिव कमलेश मेहता ने स्पष्ट किया कि अभी तक आयोग की ओर से पंचायत चुनाव को लेकर कोई आधिकारिक अधिसूचना जारी नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि आरक्षण की अनंतिम अधिसूचना जिलों से प्राप्त नहीं हुई है और निर्वाचन संबंधी प्रक्रियाएं फिलहाल प्रचलन में हैं।
उन्होंने जनता से अपील की कि वे केवल आयोग द्वारा विधिवत जारी की गई सूचनाओं पर ही भरोसा करें और सोशल मीडिया पर प्रसारित अपुष्ट जानकारियों से भ्रमित न हों। आयोग समय आने पर विधिक प्रक्रिया के तहत पंचायत चुनाव की तिथियों और कार्यक्रम की आधिकारिक घोषणा करेगा।





