
अल्मोड़ा। जनपद में निराश्रित गौवंश की समस्या को लेकर लंबे समय से चले आ रहे प्रयास अब रंग लाए हैं। जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडेय की पहल पर सरकार ने जिले के लिए सात गौशालाओं को स्वीकृति प्रदान की है। इन सभी गौशालाओं को प्रशासनिक और वित्तीय मंजूरी भी मिल चुकी है। जिलाधिकारी पांडेय ने बताया कि लंबे समय से जिले में निराश्रित गायों के कारण किसान परेशान थे। फसलों को लगातार नुकसान पहुंचने की शिकायतें मिल रही थीं, जिससे कई किसानों ने खेती करना तक छोड़ दिया था। क्षेत्र भ्रमण के दौरान भी लोगों ने सबसे बड़ी समस्या के रूप में निराश्रित पशुओं का मुद्दा उनके सामने रखा। इसी को ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारी ने शासन को प्रस्ताव भेजे और व्यक्तिगत रूप से उच्चाधिकारियों से संपर्क कर जिले की स्थिति से उन्हें अवगत कराया। इसके फलस्वरूप शासन ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के अंतर्गत अल्मोड़ा के लिए सात गौशालाएं स्वीकृत की हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि इन गौशालाओं के निर्माण के लिए प्रथम किश्त के रूप में 229.5 लाख रुपये की धनराशि प्राप्त हो चुकी है। कार्यदायी संस्थाओं को जल्द ही निर्माण कार्य शुरू करने के निर्देश दिए जाएंगे। गौशालाओं के निर्माण से न केवल निराश्रित पशुओं को आश्रय मिलेगा, बल्कि किसानों की मेहनत से तैयार की गई फसलें भी सुरक्षित रह सकेंगी। स्वीकृत गौशालाएं जिले के विभिन्न क्षेत्रों में स्थापित की जाएंगी, जिनमें विकासखंड द्वाराहाट के ग्राम ऐना, भैंसियाछाना का ग्राम डालाकोट, भिकियासैंण के ग्राम रिखाड़, ताकुला का ककराड़, राजकीय चारा प्रक्षेत्र भैंसवाड़ा अल्मोड़ा, कसानीखेत जैखाल देघाट में गौ सुरक्षा समिति तथा मासी में गायत्री ट्रस्ट शामिल हैं।