उत्तराखंड में बाहर वाले नहीं खरीद पाएंगे जमीन

देहरादून(आरएनएस)। नए भू कानून में उत्तराखंड से बाहर के दूसरे राज्य के लोगों के लिए कृषि, उद्यान की जमीन खरीद को प्रतिबंधित कर दिया है। हरिद्वार और उधमसिंह नगर को छोड़ शेष 11 जिलों में दूसरे राज्य के लोग कृषि, उद्यान की जमीन नहीं खरीद पाएंगे। सिर्फ हरिद्वार और उधमसिंह नगर में ही बाहर वाले कृषि, उद्यान के लिए जमीन खरीद सकेंगे।
पहाड़ों पर बाहर के लोगों के तेजी से जमीन खरीदने से तेजी से होते डेमोग्राफिक बदलाव को रोकने को जमीन खरीद प्रक्रिया पर शिकंजा कस दिया गया है। अभी तक उत्तराखंड में बाहर के लोग बिना मंजूरी के 250 वर्ग मीटर और मंजूरी लेकर साढ़े 12 एकड़ से भी अधिक जमीन कृषि, उद्यान के लिए खरीद सकते थे। इससे पहाड़ के पहाड़ बाहर के लोगों ने वर्ष 2018 के बाद से खरीदे। इससे पहाड़ पर बाहर के लोगों का मूवमेंट तेजी से बढ़ा। बाहरी लोगों के इसी बढ़ते दबाव में सख्त भू कानून की मांग उठी। बुधवार को धामी कैबिनेट ने बाहरी लोगों के कृषि भूमि खरीदने को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया है।
कैबिनेट ने हरिद्वार और उधमसिंहनगर को इस प्रतिबंध से मुक्त रख कर पहाड़ मैदान को भी साधने का काम किया। 11 जिलों में सख्त भू कानून की मांग की जा रही थी, तो हरिद्वार, यूएसनगर में भूकानून को थोड़ा नरम रखने की मांग की जा रही थी। सरकार ने बीच का रास्ता निकालते हुए प्रतिबंध को 11 पहाड़ी जिलों तक सीमित रख दिया है।
जिलाधिकारियों का अधिकार किया समाप्त: बाहरी लोगों को अभी तक जिलाधिकारी स्तर से जमीन खरीद की आसानी से मंजूरी मिल रही थी। इस व्यवस्था को भी कैबिनेट ने पूरी तरह समाप्त कर दिया है। अब जिलाधिकारी स्तर से मंजूरी देने के प्रावधान को ही समाप्त कर दिया गया है। अब कृषि, उद्यान को छोड़ कर अन्य किसी विशेष प्रयोजन के लिए किसी को जमीन खरीदनी होगी, तो मंजूरी जिलाधिकारी नहीं देंगे। बल्कि प्रस्ताव शासन को भेजना होगा। शासन स्तर से ही उस पर निर्णय लिया जाएगा।
राज्य की जनता की लंबे समय से चली आ रही सख्त भू कानून की मांग को पूरा किया गया है। जनभावनाओं का सम्मान करते हुए कैबिनेट ने सख्त भू-कानून को मंजूरी दे दी है। यह निर्णय राज्य के संसाधनों, सांस्कृतिक विरासत और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करेगा। हमारी सरकार जनता के हितों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उनके विश्वास को कभी टूटने नहीं देगी। निश्चित तौर पर यह कानून प्रदेश के मूल स्वरूप को बनाए रखने में सहायक सिद्ध होगा। पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड