Skip to content

RNS INDIA NEWS

आपकी विश्वसनीय समाचार सेवा

Primary Menu
  • मुखपृष्ठ
  • अंतरराष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • राज्य
    • उत्तराखंड
      • अल्मोड़ा
      • उत्तरकाशी
      • ऊधम सिंह नगर
      • बागेश्वर
      • चम्पावत
      • नैनीताल
      • पिथौरागढ़
      • चमोली
      • देहरादून
      • पौड़ी
      • टिहरी
      • रुद्रप्रयाग
      • हरिद्वार
    • अरुणाचल
    • आंध्र प्रदेश
    • उत्तर प्रदेश
    • गुजरात
    • छत्तीसगढ़
    • हिमाचल प्रदेश
      • शिमला
      • सोलन
    • दिल्ली
    • बिहार
    • मध्य प्रदेश
    • मणिपुर
    • राजस्थान
    • त्रिपुरा
  • अर्थ जगत
    • बाजार
  • खेल
  • विविध
    • संस्कृति
    • न्यायालय
    • रहन-सहन
    • मनोरंजन
      • बॉलीवुड
  • Contact Us
  • About Us
  • PRIVACY POLICY
Watch
  • Home
  • राष्ट्रीय
  • जब्त संपत्ति की क्षतिपूर्ति मामले में हाईकोर्ट ने मांगा केन्द्र से जवाब
  • राष्ट्रीय

जब्त संपत्ति की क्षतिपूर्ति मामले में हाईकोर्ट ने मांगा केन्द्र से जवाब

RNS INDIA NEWS 12/01/2021
default featured image

नई दिल्ली (आरएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने देश में आपातकाल के दौरान लुटियन्स दिल्ली में एक संपत्ति पर कब्जे के मामले में क्षतिपूर्ति के लिए दायर मुकदमे पर सोमवार को केंद्र और संपदा निदेशालय (डीओई) से जवाब देने को कहा है। इस मामले में 94 वर्षीय महिला वीरा सरीन के बच्चों ने मुकदमा दाखिल किया है। सरीन ने 1975 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा लगाए गए आपातकाल को असंवैधानिक घोषित करने का अनुरोध करते हुए हाल ही में उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की थी।
संपत्ति की क्षतिपूर्ति के मुकदमे के मामले में न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी ने डीओई, श्रम और रोजगार मंत्रालय तथा ‘तस्कर और विदेशी मुद्रा छलसाधक (संपति समपहरण) अधिनियम’ (साफेमा) के तहत सक्षम प्राधिकार को समन जारी किए और उनसे लिखित बयान दाखिल करने को कहा। अब इस मामले की अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी। मुकदमे में केंद्र सरकार से यहां कस्तूरबा गांधी मार्ग पर अंसल भवन में एक संपत्ति के मई 1999 से जुलाई 2020 तक अवैध इस्तेमाल और उस पर कब्जे के संबंध में बाजार के किराये को लेकर हुए नुकसान, बकाया रखरखाव शुल्क और लंबित संपत्ति कर के रूप में क्रमश: 2.20 करोड़ रुपये, 9.89 लाख रुपये तथा 43.5 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति की मांग की गई है। वादियों राजीव, दीपक और राधिका सरीन ने वकील सिद्धांत कुमार के माध्यम से संपदा निदेशालय, श्रम और रोजगार मंत्रालय तथा तस्कर और विदेशी मुद्रा छलसाधक (सम्पत्ति समपहरण) अधिनियम (साफेमा) के तहत सक्षम प्राधिकार के खिलाफ केजी मार्ग की संपत्ति के संबंध में मामला दायर किया था। वादियों ने कहा कि वे संपत्ति के मालिक हैं जिस पर अधिकारियों ने 1998 में साफेमा के तहत नियंत्रण कर लिया था और इसे संपदा निदेशालय को किराये पर दे दिया गया। संपदा निदेशालय ने एक मई, 1999 से वादियों को किराये का भुगतान करना बंद कर दिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिसंबर 2014 में संपत्ति पर सरकार के कब्जे को रद्द कर दिया लेकिन सरीन परिवार के अनेक प्रयासों के बावजूद अधिकारी उन्हें संपत्ति नहीं लौटा रहे थे। उच्च न्यायालय के जून 2020 के आदेश के अनुरूप सरीन को जुलाई 2020 में संपत्ति पर कब्जा मिला।
००००००००

शेयर करें..

Post navigation

Previous: प्रतिबंध के बाद भी जारी कर दिया एक दिवसीय बार लाईसेंस, डीएम ने दिए जांच के आदेश
Next: निरंजनी अखाड़े का बड़ा फैसला, स्वामी प्रज्ञानानंद गिरी महाराज अखाड़े से निष्कासित

Related Post

default featured image
  • राष्ट्रीय

सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, पत्नी ने की बिना शर्त रिहाई की अपील

RNS INDIA NEWS 03/10/2025
default featured image
  • राष्ट्रीय

तिरुवन्नामलाई में 2 पुलिसकर्मियों पर 19 वर्षीय युवती से रेप का आरोप, निलंबित और गिरफ्तार

RNS INDIA NEWS 01/10/2025
WhatsApp Image 2025-10-01 at 21.24.39
  • राष्ट्रीय

आरएसएस के 100 साल पर प्रधानमंत्री मोदी जारी किया विशेष डाक टिकट और सिक्का

RNS INDIA NEWS 01/10/2025

यहाँ खोजें

Quick Links

  • About Us
  • Contact Us
  • PRIVACY POLICY

ताजा खबर

  • सीडीओ ने किया ग्राम पंचायत तल्ली पोखरी का भ्रमण
  • महर्षि वाल्मीकि जयंती पर भाजपा ने किया कार्यक्रम आयोजित
  • युवा आईसीएआर वैज्ञानिकों ने किया हनी प्रोसेसिंग यूनिट का भ्रमण
  • रानीखेत कोतवाली और महिला कोतवाली पुलिस का संयुक्त चेकिंग, जनजागरूकता अभियान
  • एसएसजे विश्वविद्यालय में पूर्व छात्र कला प्रदर्शनी का शुभारंभ
  • किरायेदार की सूझबूझ से पकड़ा गया बाथरूम में घुसा गुलदार

Copyright © rnsindianews.com | MoreNews by AF themes.