रोग निवारिनी मां कुष्मांडा की पूजा अर्चना की

ऋषिकेश(आरएनएस)।  तीर्थनगरी ऋषिकेश समेत आसपास के क्षेत्रों में नवरात्र धूमधाम से मनाई जा रही है। नवरात्र के चौथे दिन रविवार को श्रद्धालुओं ने मां भगवती के चौथे स्वरूप कुष्मांडा की आराधना की। क्षेत्र के तमाम मंदिरों में माता के दर्शन के लिए सुबह से शाम तक श्रद्धालुओं की भीड़भाड़ रही। रविवार को नवरात्र के चौथे दिन तीर्थनगरी व आसपास क्षेत्र के मंदिरों में भीड़ रही। श्रद्धालुओं ने माता के चौथे स्वरूप माता कुष्मांडा की पूजा अर्चना की। श्रद्धालुओं ने चंद्रेश्वर नगर चौक स्थित दुर्गा मंदिर, त्रिवेणी घाट स्थित दुर्गा मंदिर, दून रोड स्थित श्री दुर्गा मंदिर, शीशमझाड़ी स्थित कात्यायनी मंदिर, दून मार्ग स्थित मनीच्छा देवी मंदिर, नरेंद्रनगर मार्ग स्थित भद्रकाली मंदिर सहित अन्य मंदिरों में पहुंचकर पूजा अर्चना की। शाम के समय मंदिरों में कीर्तन मंडलियों और श्रद्धालुओं ने भजन कीर्तन किया। जिसके चलते मंदिर व आसपास का माहौल भक्तिमय बना रहा। श्रीकृष्ण कुंज आश्रम से जुड़े पंडित विनोद तिवारी ने बताया कि नवरात्रि में चौथे दिन देवी को कुष्मांडा के रूप में पूजा जाता है। अपनी मंद हल्की हंसी के द्वारा अण्ड यानी ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण इस देवी को कुष्मांडा नाम से जाना जाता है। जब सृष्टि नहीं थी, चारों तरफ अंधकार ही अंधकार था, तब इसी देवी ने ब्रह्मांड की रचना की थी। इसीलिए इसे सृष्टि की आदिस्वरूपा या आदिशक्ति कहा गया है। मां कुष्मांडा देवी की आठ भुजाएं हैं, इसलिए अष्टभुजा कहलाईं। इनके सात हाथों में कमण्डल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा हैं। मां कूष्मांडा की अराधना से भक्तों के सभी रोग नष्ट होते हैं।

नवरात्र के चलते बाजारों में रौनक
नवरात्र के चलते तीर्थनगरी व आसपास के बाजारों में रौनक देखने को मिल रही है। नवरात्र में श्रद्धालु पूजा सामग्री, प्रसाद, फलहारी आईटम, नए वस्त्र, देवी की फोटो सहित तमाम चीजों की खरीददारी करने में लगे हैं। ऐसे में बाजार में श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जा रही है। ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट, सुभाष चौक, मुखर्जी मार्ग, लालजप राय मार्ग सहित अन्य जगहों पर श्रद्धालुओं की आमद के चलते दिन भर जाम की स्थिति भी देखने को मिली।

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