जौलकांडे के जंगल धधके, पिटुकल तक पहुंची आग

बागेश्वर। जौलकांडे के जंगल फिर धधक गए। पिटकुल 132 सब स्टेशन के आसपास तक आग पहुंचने से वहां अफरातफरी मच गई। हालांकि आग को नीचे की तरफ फैलने से स्थानीय लोगों ने बचा लिया। वनों में लग रही आग को लेकर वन महकमा भी फिलहाल गश्त के अलावा कुछ नहीं कर पा रहा है। मंगलवार की सुबह से जौलकांडे के नीचले हिस्से के जंगल जलने लगे। मजियाखेत के समीप पिटकुल 132 सब स्टेशन के आसपास आग पहुंचने से वहां अफरातफरी मच गई। स्थानीय लोगों ने घंटों मशक्कत के बाद आग को नीचे गांव की तरफ आने से बचा लिया, लेकिन आग लगने से पर्यावरण को सबसे अधिक नुकसान होने लगा है। धुआं वातावरण में फैल गया है, जिससे अस्थमा रोगियों, बुजुर्गों और छोटे बच्चों को सांस लेने में भी दिक्कत होने लगी है। वन विभाग को ग्रीष्म ऋतु मई-जून के लिए सरकार आग नियंत्रित करने के लिए भारी भरकम बजट देती है। इस बार मार्च से लाकडाउन हो गया, जिसके कारण जंगलों में आग नहीं लगी। वन विभाग को बजट भी प्राप्त नहीं हुआ है। अक्टूबर माह से लगातार जंगल जलने लगे। वन विभाग ने गश्त तो बढ़ाई लेकिन फायर वाचरों आदि को बजट के अभाव में तैनात नहीं कर सकी है। लगातार जंगलों में लग रही आग के बाद वन महकमे में भी हडक़ंप मचा हुआ है। इधर, प्रभागीय वनाधिकारी बीएस शाही ने बताया कि जहां भी जंगल में आग लग रही है उसे बुझाने का काम चल रहा है। लोगों का भी इसमें सहयोग ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि अराजक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।