भगवान शिव का धनुष तोड़ सिया के हुए राम

अल्मोड़ा। श्री भुवनेश्वर महादेव मंदिर एवं रामलीला समिति कर्नाटक खोला अल्मोड़ा में तृतीय दिवस की रामलीला में सीता स्वयंवर, रावण-बाणासुर तथा परशुराम-लक्ष्मण संवाद प्रसंग मुख्य आकर्षण रहे। भारी ठंड के बाबजूद सैकड़ों की संख्या में दर्शक उपस्थित रहे। दर्शकों द्वारा मंचन का आनन्द लेते हुए रामलीला की भूरि-भूरि प्रसंशा की गई। रामलीला मंचन के आन-लाईन संदेशों द्वारा भी रामलीला मंचन को काफी सराहना प्राप्त हुई। राम की पात्र रश्मि काण्डपाल, लक्ष्मण-दीक्षा कर्नाटक, सीता-कोमल जोशी, जनक-अशोक बनकोटी, सुनैना -बन्दना जोशी, रावण-पूर्व मंत्री बिट्टू कर्नाटक, बाणासुर -जितेन्द्र काण्डपाल, परशुराम-अनिल रावत, विश्वामित्र-एस.एस.कपकोटी, बन्दीजन-कमल जोशी, तनोज कर्नाटक देश-विदेश के राजा के रूप में कलाकार डॉ.करन कर्नाटक, अभिषेक नेगी, अनिल जोशी, अमर बोरा, प्रदीप चन्द्र पुजारी आदि द्वारा जीवन्त अभिनय किया गया। सर्वप्रथम रामलीला का शुभारम्भ मुख्य अतिथि करन माहरा अध्यक्ष उत्तराखंड कांग्रेस कमेटी द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष माहरा भी रामलीला समाप्ति तक वहां उपस्थित रहे। अपने सम्बोधन में मुख्य अतिथि ने कहा कि रामलीला, सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसे आयोजन समाज व युवा पीढ़ी एवं बच्चों के लिये प्रेरणास्रोत हैं जिनसे समाज में फैली हुई बुराईयों को दूर कर अच्छाईयों को आत्मसात करने का संदेश मिलता है। रावण, बाणासुर तथा परशुराम का अभिनय कर रहे कलाकारों ने संवादों और अपनी अनुपम अभिनय क्षमता का प्रर्दशन कर सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर मुख्य रूप से देवेन्द्र कर्नाटक, डॉ. करन कर्नाटक, रोहित शैली, भूपेन्द्र भोज, अखिलेश थापा, हेम जोशी, गौरव काण्डपाल, दीपक पोखरिया, भुवन चन्द्र कर्नाटक, जगदीश चन्द्र तिवारी, लीलाधर काण्डपाल, दयाकृष्ण जोशी, हंसा दत्त कर्नाटक, पूरन चन्द्र तिवारी, देवेन्द्र गोस्वामी, नवीन बिष्ट, त्रिभुवन अधिकारी, हनी बर्मा, हिमांशी अधिकारी, सीमा रौतेला, पुष्पा गोस्वामी सहित भारी संख्या में दर्शक देर रात तक उपस्थित रहे।