शांतिकुंज में रूसी सीख रहे हैं वैदिक कर्मकाण्ड

हरिद्वार। रूस से 15 दिन के प्रवास पर एक दल शांतिकुज आया हुआ है। रूसी दल देवसंस्कृति विवि के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या के मार्गदर्शन एवं डॉ. ज्ञानेश्वर मिश्र के संयोजन में साधना, वैदिक कर्मकाण्ड एवं भारतीय सुगम संगीत का प्रशिक्षण ले रहे हैं। रुस से आये सरगेई, अहिल्या, नतालिया का कहना है कि 2012 में अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या रूस आये थे। तब हमने अपने परिवार एवं दोस्तों के साथ उनके कार्यक्रम में भाग लिया था। उस समय उन्होंने जो कुछ कहा और बताया, उससे हम लोग काफी प्रभावित हुए। उनसे गायत्री महामंत्र की दीक्षा ली और गायत्री साधना करने लगे। दल के सदस्यों ने कहा कि वास्तव में प्राचीन संस्कृति भारतीय संस्कृति है। यहां वसुधैव कुटुम्बकम की भावना है। इससे ही सेवा, सहयोग की प्रवृत्ति बढ़ती है। हम लोग डॉ. प्रणव पण्ड्या के आमंत्रण पर शांतिकुंज आये हैं। यहां भारतीय संस्कृति को जानने के लिए साधना पद्धति, वैदिक कर्मकाण्ड का अध्ययन सीख रहे हैं। इसके अलावा भारतीय सुगम संगीत का अभ्यास कर रहे हैं। इसमें हमें बहुत आनंद आ रहा है। उन्होंने बताया कि शांतिकुंज से मिली मानवता की सीख, ज्ञान एवं विधा को अपने देश में जाकर जन-जन तक पहुंचायेंगे।