7 नवम्बर से लापता युवक का शव नैनी झील में मिला

नैनीताल। नैनी झील में बृहस्पतिवार सुबह एक शव तैरता हुआ मिलता। सूचना मिलने पर पहुंची मल्लीताल कोतवाली पुलिस और जल पुलिस की टीम ने शव को झील से बाहर निकाला। उसकी पहचान निकटवर्ती ग्राम मनोरा पीक एरीज निवासी 30 वर्षीय कुलदीप आगरी पुत्र श्याम लाल के रूप में हुई। पुलिस द्वारा शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है।
बताया जा रहा है कि कुलदीप पूर्व में फुटबॉल का अच्छा खिलाड़ी था। खेल के दौरान ही सिर में चोट लगने के बाद से उसे स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएं होने लगी थी। इसका उपचार चलने के बावजूद कोई लाभ नहीं मिल रहा था, इस कारण वह कुछ वर्षों से मानसिक अवसाद की स्थिति में था। संभवतया इसी कारण उसने आत्मघाती कदम उठाया हो।
उल्लेखनीय है कि गत 8 नवंबर को कोतवाली पुलिस को सूचना मिली थी कि 7 नवंबर की शाम 4 बजे कुलदीप घर से काम पर जाने की बात कह कर निकला था, लेकिन तब से उसका कोई पता नहीं चला। खोज करने पर पुलिस व उसके परिजनों को सोमवार सुबह उसका बैग व जूते नैनी झील के किनारे शनि देव मंदिर के पास ठंडी सड़क पर सड़क किनारे मिले।
इस पर कुलदीप के नैनी झील में गिरने की आशंका से पुलिस ने कुलदीप के परिजनों के साथ जल पुलिस तथा फायर पुलिस की मदद से नैनी झील में उसकी तलाश के लिए सर्च अभियान चलाया, लेकिन तब उसका पता नहीं चल पाया था। आज शव मिलने पर उसके भाई अरुण ने उसकी शिनाख्त की।
कुलदीप के पिता उत्तराखंड पुलिस से सेवानिवृत्त हुए थे ओर जनवरी 2020 में उनका देहांत हो गया था। उसके एक भाई भी पुलिस कर्मी हैं। और वह स्वयं अविवाहित था और काफी समय से मानसिक रूप से अस्वस्थ चल रहा था।
शव को बरामद करने वालों में मल्लीताल कोतवाली के उप निरीक्षक हरीश सिंह, जल पुलिस के दिनेश प्रसाद व चीता मोबाइल टीम के संजीव कुमार शामिल रहे।