पांच माह से नहीं लगी उपभोक्ता फोरम की न्यायालय

नैनीताल।कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन का असर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम की कोर्ट पर भी पड़ा है। बीते पांच माह से उपभोक्ता फोरम
की कोर्ट में वादों की सुनवाई हो रही। इससे चलते कई वाद लंबित हैं। फोरम का कोरम पूरा न होना इसकी मुख्य वजह बताई जा रही है। नैनीताल जिले में फोरम अध्यक्ष यूएस नबियाल, वरिष्ठ सदस्य मंजू कोटलिया, सदस्य राजेंद्र परगाई द्वारा वाद सुनवाई के बाद आदेश दिए जाते रहे। इधर बीते वर्ष अप्रैल माह में वरिष्ठ सदस्य का कार्यकाल समाप्त हुआ। लेकिन अध्यक्ष और सदस्य की ओर से मामले में सुनवाई की जाती रही। जबकि इस वर्ष 14 अप्रैल को सदस्य परगाई का कार्यकाल भी संपन्न हो गया। उक्त पदों पर नई नियुक्ति अभी नहीं हो पाई है। इसके चलते लॉकडाउन के बाद अप्रैल माह से अब तक न्यायालय में सुनवाई नहीं हो पा रही है। फोरम से मिली जानकारी के मुताबकि यहां औसतन 20 मामले प्रतिमाह और करीब 200 से अधिक वर्ष भर दायर किए जाते हैं। लॉकडाउन अवधि में भी 10 वाद दायर हुए। वाद दायर करने वाले आशुतोष, कंज्यूमर हेल्प लाइन के माध्यम से वाद दायर करने वाले महेश मठपाल, संबंधित मामले देखने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता फैजल का कहना है कि उपभोक्ता हित में फोरम में सुनवाई शुरू होनी चाहिए। जिससे पात्र उपभोक्ता को न्याय मिल सके।
क्या है उपभोक्ता फोरम
उपभोक्ता को उत्पाद खरीदने पर किसी भी प्रकार की गुणवत्ता की कमी तथा सेवा प्रदाता की सेवा में कमी पर वह फोरम में गुहार लगाने को स्वतंत्र है। फोरम की ओर से उपभोक्ता की पत्रावली जमा होने के बाद संबंधित कंपनी अथवा संस्था को नोटिस भेजे जाते हैं। दोनों पक्षों को सुनने के बाद फोरम आदेश सुनाती है। जिसके बाद सेवा प्रदान करने वाली कंपनी अथवा संस्था को उसका भुगतान करना होता है। आदेश से संतुष्ट न होने पर वह राज्य फोरम में अपील कर सकता है।