20 गांवों की बिजली की समस्या का होगा समाधान

रुड़की(आरएनएस)। ऐथल बिजली फीडर का आधा लोड लक्सर से पीपली बिजलीघर पर करने के लिए रेलवे ट्रैक के नीचे दो जगह अंडरग्राउंड केबल डालने का काम जल्दी शुरू होगा। रेलवे ने इसके बदले 10.55 लाख रुपये शुल्क मांगा था। शासन ने शुल्क के लिए ऊर्जा निगम को बजट जारी कर दिया है। डौसनी क्षेत्र के करीब 20 गांवों के 8 हजार उपभोक्ताओं को लक्सर बिजलीघर से जुड़े ऐथल फीडर से बिजली की आपूर्ति मिलती है। फीडर पर क्षमता से ज्यादा लोड होने के कारण लोगों को अक्सर बिजली की समस्या होती थी। पिछले दिनों किसानों ने इसे लेकर गंगनौली बिजलीघर पर हंगामा भी किया था। उस समय निगम ने ऐथल बिजलीघर का कुछ लोड अस्थायी केबल डालकर पीपली बिजलीघर से जोड़ते हुए 24 घंटे आपूर्ति की व्यवस्था कर दी थी। जबकि इस फीडर का आधा लोड स्थायी तौर पर पीपली बिजलीघर में स्थानांतरित करने के प्रोजेक्ट पर निगम काफी पहले से काम कर रहा था। इसके लिए बहादरपुर खादर व सीधड़ू के बीच दो जगह रेलवे ट्रैक के नीचे अंडरग्राउंड केबल डाला जाना था। शासन से इसकी प्रशासनिक स्वीकृति भी पहले हो चुकी थी। बाद में ट्रैक कटिंग की अनुमति के लिए रेलवे को लिखा गया था। इस पर डीआरएम मुरादाबाद ने सहमति जताते हुए निगम से दोनो जगह कटिंग का 5.19 लाख व 5.36 लाख (कुल 10.55 लाख) रुपये शुल्क जमा करने को कहा है।
निगम की लक्सर डिविजन के ईई एसके गुप्ता ने बताया कि शुल्क के लिए शासन ने बजट को मंजूरी दे दी है। जल्दी ही यह धनराशि रेलवे के सरकारी एकाउंट में जमा करा दी जाएगी। इसके बाद रेलवे लाइन के नीचे अंडरग्राउंड केबल डालने का काम शुरू कर दिया जाएगा। यह काम पूरा होने पर इन गांवों के लोगों की बिजली की समस्या का स्थायी तौर पर समाधान हो जाएगा।


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