20 करोड़ रुपये के बैंक लोन धोखाधड़ी के मामले में सीबीआई ने की दस्तावेजी जांच शुरू, जानिए क्या है मामला

देहरादून। गाजियाबाद स्थित यूनियन बैंक की शाखा में 20 करोड़ रुपये के लोन धोखाधड़ी के मामले में सीबीआई ने दस्तावेजी जांच शुरू कर दी है। दस्तावेजों से साक्ष्य जुटाने के बाद सीबीआई आरोपियों से क्रॉस प्रश्न करेगी। सीबीआई ने धोखाधड़ी को लेकर किराना फर्म, फर्म मालिक, कई अन्य फर्म, गारंटर और अज्ञात बैंक के सरकारी कर्मचारियों पर केस दर्ज किया है। यूनियन बैंक की रीजनल मैनेजर सरोज दास ने ज्वाइंट डायरेक्टर (सीबीआई) लखनऊ को इस केस को लेकर बीते दो अक्तूबर को लिखित शिकायत भेजी। कहा कि गोविंदा इंटरनेशनल दिल्ली के फर्म संचालक ने वर्ष 2017 में गाजियाबाद में कौशाम्बी स्थित यूनियन बैंक शाखा से क्रेडिट लिमिट (संपत्ति के सापेक्ष लोन) लिया। बैंक ने 15 करोड़ रुपये का लोन जारी करते हुए फर्म का स्टॉक और कुछ संपत्तियों को बंधक रखा। आरोप है कि इसके बाद फर्म संचालक ने धोखाधड़ी से बैंक में बंधक रखा स्टॉक बेच दिया। बैंक की क्षेत्रीय प्रबंधक की शिकायत पर सीबीआई देहरादून शाखा ने यह केस दर्ज किया। सीबीआई देहरादून शाखा के एसपी पीके पाणीगृही ने बताया कि केस की जांच निरीक्षक सुनीत कुमार शर्मा को सौंपी गई है। वह आरोपियों के खिलाफ मुकदमे में सौंपे गए दस्तावेजों के साथ ही बैंक फर्जीवाड़े से जुड़े अन्य दस्तावेज जुटाकर उनकी जांच कर रहे हैं।
इन्हें बनाया गया है आरोपी
⦁ गोविंदा इंटरनेशनल, शॉप नंबर 1062, गांधी गली फतेहपुरी दिल्ली, ईस्ट दिल्ली।
⦁ केशव जोशी संचालक गोविंदा इंटरनेशनल निवासी चरखी वाला चौक, चावड़ी बाजार दिल्ली।
⦁ पवन कुमार शर्मा, गारंटर, गांधी गली, चांदनी चौक, दिल्ली।
⦁ मैसर्स एगसन ग्लोबल प्रावइेट लिमिटेड दिल्ली।
⦁ मैसर्स एएसएम ट्रैक्सिम प्राइवेट लिमिडेट दिल्ली।
⦁ मैसर्स आरएम एंड एसोसिएट्स , मंगलम ग्रीन पार्क हसनपुर दिल्ली रोड सहारनपुर उत्तर प्रदेश।
⦁ ग्लोबल वैल्यूस एंड एसोसिएट्स, करुणा कुंज सेक्टर तीन, द्वारका नई दिल्ली।
⦁ अज्ञात सरकारी अधिकारी व कर्मचारी।