बजट 2025: किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट 3 से बढक़र 5 लाख हुई, अन्नदाताओं को मिली यें सौगातें

नई दिल्ली (आरएनएस)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण केंद्रीय बजट पेश कर रही हैं। बजट की शुरुआत में ही उन्होंने किसानों के लिए कई बड़े ऐलान कर दिए हैं। किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की लिमिट 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है।
इसके अलावा खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता के लिए राष्ट्रीय तेल मिशन, राष्ट्रीय उच्च पैदावार बीज मिशन और प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना की भी घोषणा की है।
वित्त मंत्री ने बजट में बिहार में मखाना बोर्ड बनाने का ऐलान किया।
उन्होंने कहा, बिहार के लोगों के लिए एक विशेष अवसर है। मखाना के उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और विपणन में सुधार के लिए राज्य में मखाना बोर्ड की स्थापना की जाएगी। इन गतिविधियों में लगे लोगों को एफपीओ में संगठित किया जाएगा। मखाना किसानों को सहायता और प्रशिक्षण और यह सुनिश्चित करने के लिए भी काम किया जाएगा कि उन्हें सभी प्रासंगिक सरकारी योजनाओं का लाभ मिले।
वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना का भी ऐलान किया है। ये योजना शुरुआती चरण में 100 जिलों में शुरू होगी, जहां खेती की पैदावार कम है।
इस योजना से किसानों को आधुनिक खेती, नई तकनीक और बेहतर वित्तीय सहायता मिलेगी। इसमें कम पैदावार, आधुनिक फसल गहनता और औसत से कम ऋण मापदंडों वाले 100 जिले शामिल किए जाएंगे। इससे 1.7 करोड़ किसानों को फायदा होगा।
किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों को लोन मिलता रहेगा। इसकी सीमा 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख की जाएगी।
पूर्वी क्षेत्र में निष्क्रिय पड़े यूरिया संसाधनों को सक्रिय किया गया है। असम के नामरूप में 12.7 टन सालाना क्षमता का यूरिया संयंत्र लगाया जाएगा।
कपास उत्पादकता मिशन के तहत उत्पादकता में पर्याप्त बढ़ोतरी होगी और कपास के लंबे रेशे वाली किस्मों को बढ़ावा दिया जाएगा। किसानों की आमदनी को बढ़त मिलेगी।
अगले 6 साल में मसूर, तुअर जैसी दालों की पैदावार बढ़ाने पर ध्यान दिया जाएगा।
वित्त मंत्री ने कहा, सब्जियों व फलों का उत्पादन बढ़ाने और लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए व्यापक कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। सरकार दालों में आत्मनिर्भर बनने के लिए 6 साल का एक कार्यक्रम शुरू करेगी, तुअर (अरहर), उड़द और मसूर पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। केंद्रीय एजेंसियों में पंजीकरण और करार करने वाले किसानों से 4 साल के दौरान एजेंसियां दलहन खरीदेंगी।

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