2002 गोधरा ट्रेन आग हादसे के आरोपी रफीक हुसैन को हुई उम्र कैद

गोधरा (आरएनएस)। गोधरा सेशन कोर्ट ने 2002 के गोधरा ट्रेन के कोच में आग लगाने के आरोपी रफीक हुसैन को उम्रकैद की सजा सुनाई है। उसपर गोधरा ट्रेन के कोच में आग लगाने का षडय़ंत्र रचने का आरोप था। आरोपी रफीक 19 साल से फरार था, लेकिन गुजरात पुलिस ने आखिरकार उसे पिछले साल 14 फरवरी को गिरफ्तार कर लिया था। गोधरा पुलिस को मिली खुफिया जानकारी के बाद एक घर में छापेमारी की गई, जहां पर उसे गिरफ्तार किया गया था। रफीक उस गुट का हिस्सा था जिस पर ट्रेन की कोच में आग लगाने का आरोप था, इस पूरे षडय़ंत्र में रफीक भी शामिल था, उसी ने भीड़ की उकसाया था, पेट्रोल और आग का ट्रेन की कोच में इंतजाम भी किया था। इस घटना में उसका नाम सामने आया तो वह तुरंत दिल्ली भाग गया था। पुलिस ने बताया कि उस पर हत्या और दंगा भडक़ाने का केस चल रहा था।

रफीक को फरवरी 2021 में गोधरा से पकड़ा गया था। 27 फरवरी 2002 में साबरमती एक्सप्रेस से वापस लौट रहे 59 कार सेवकों को जिंदा जला दिया गया था। अपराधियों ने एस-6 कोच में पहले पेट्रोल छिडक़ा और उसमे आग लगा दी। इस घटना के बाद गुजरात में दंगे भडक़े थे और इससे हजारों लोगों की मौत हो गई थी। गौर करने वाली बात है कि गोधरा में सत्र न्यायाधीश एचपी मेहता ने रफीक को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। इस मामले में रफीक 35वां दोषी है, जिसे कोर्ट ने दोषी करार दिया है। मार्च 2011 में विशेष कोर्ट ने 31 आरोपियों को दोषी करार दिया था, जबकि 2018 में 2 और 019 में एक आरोपी को दोषी करार दिया था।

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