दो साल में बदले पांच अधिशासी अधिकारी

चमोली। पहली बार नगर पंचायत बनी थराली में अधिशासी अधिकारी का पद रिक्त होने से विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। दो वर्ष पूर्व ही इस नगर पंचायत का गठन हुआ है, लेकिन दो साल में ही यहां पांच अधिशासी अधिकारी बदल चुके हैं। अधिकारियों की कमी का ही नतीजा है कि नगर पंचायत में पैदल मार्ग, शौचालय, स्ट्रीट लाइट समेत अन्य सुविधाएं नगरवासियों को नहीं मिल रही है। सीमांत चमोली जिले में वर्ष 2016 में थराली कस्बे में आसपास के गांवों को जोडक़र इसलिए नगर पंचायत का गठन किया गया ताकि इस कस्बे व आसपास के गांवों का विकास हो सके, लेकिन शुरुआती दौर से ही इस नगर पंचायत का विकास ठप हो गया है। इसकी एक प्रमुख वजह नगर पंचायत में अधिशासी अधिकारी न होना है। नवसृर्जित नगर पंचायत में अभी दो वर्ष पूर्व ही चुनाव हुआ था। इस छोटे से कार्यकाल में पांच अधिशासी अधिकारी जिम्मा संभाल चुके हैं। नगर पंचायत कार्यालय जाने वाले नागरिकों को जान जोखिम में डालकर पैदल मार्ग पर आवाजाही करनी पड़ती है। आज पूरा देश स्वच्छ भारत मिशन से जुड़ा हुआ है। मगर इस नगर पंचायत में बनाए गए शौचालयों पर अभी तक पानी निकासी की सुविधा नहीं है। नगर में स्थापित बायोटायलेट की स्थिति खराब है।
थराली की नगर पंचायत अध्यक्ष दीपा भारती ने नगर पंचायत को स्थाई अधिशासी अधिकारी न मिलने पर चिता जताई है। अध्यक्ष ने इस संबंध में जिलाधिकारी कुछ दिन पूर्व पत्र भेजा तो जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया ने यहां तैनात अधिशासी अधिकारी बीना नेगी से अधिशासी अधिकारी का चार्ज हटाकर उपजिलाधिकारी थराली किशन सिंह नेगी को सौंपा, लेकिन अब उपजिलाधिकारी किशन सिंह नेगी का स्थानांतरण हरिद्वार होने के बाद नायब तहसीलदार रवि शाह को नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।

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