15 हजार तिरंगा तैयार कर रही हैं महिला समूह
विकासनगर। हर घर तिरंगा अभियान सरकारी विभागों के साथ साथ अब महिला स्वयं सहायता भी स्वनिर्मित राष्ट्रीय ध्वज मुहैया करा रही हैं। विभिन्न विभागों और उद्योगों से महिला समूहों को राष्ट्रीय ध्वज बनाने के ऑर्डर मिल रहे हैं। सहसपुर में शक्ति स्वयं सहायता समूह की पांच दर्जन से अधिक महिलाएं तिरंगा तैयार करने में लगी हैं। तिरंगा तैयार कर रहीं समूह की महिलायें जहां राष्ट्र ध्वज बनाने से अपने को गौरवान्वित महसूस कर रही हैं, वहीं अपनी आय भी बढ़ा रही हैं। सहसपुर ब्लॉक में तीलू रौतेली पुरस्कार और राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित शक्ति स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष गीता मौर्य ने बताया कि अब तक तिरंगे सिर्फ सरकारी कार्यालयों और स्कूलों तक ही सीमित थे। लेकिन अब आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर सरकार ने हर घर तिरंगा लहराने का आह्वान किया है। उससे तिरंगे की अहमियत व उसे करीब से जानने सुनने का अवसर मिला है। हर घर तिरंगा अभियान से स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को आय बढ़ाने का मौका मिला है। बताया कि अब तक उनके स्वयं सहायता समूह को करीब चौदह हजार झंडों का आर्डर मिल चुका है। 63 महिलायें झंडा बनाने में जुटी हैं। तीन आकार के झंडे उनके समूह की ओर से बनाये जा रहे हैं। जिसमें बड़े झंडे की न्यूनतम दर एक सौ दस रुपये प्रति, छोटे झंडे की न्यूनतम दर क्रमश: साठ व सत्तर रुपये रखी गयी है। सभी झंडे टेरी कॉटन के कपड़े से बनाये जा रहे हैं। सभी झंडों को सिलाई मशीन से तैयार किये जा रहा है। गीता मौर्य ने बताया कि सेलाकुई व रामपुर स्थित कुछ उद्योगों, जिलाधिकारी देहरादून व एनआरएलएम से भी उन्हें झंडे बनाने का ऑर्डर मिला है। बताया कि कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने भी पचास बड़े झंडों का आर्डर समूह को दिया है। उधर, एक अन्य महिला जागृति समूह विकासनगर की अध्यक्ष तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित श्यामा चौहान ने बताया कि उनकी संस्था अपनी तरफ से एक हजार झंडे बना रही है। जिन्हें संस्था की ओर से घर घर जाकर मुफ्त वितरण किया जायेगा। बताया कि समूह की दस महिलाएं झंडे तैयार कर रही हैं। बताया कि झंडा साटन के कपड़े से तैयार किया जा रहा है। झंडे के मध्य में चक्र को कंप्यूटर और स्क्रीन पेंटिंग की मदद से तैयार किया जा रहा है।