
अल्मोड़ा। जनपद के सभी न्यायालयों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन 13 दिसम्बर 2025 को किया जाएगा। इस अवसर पर विभिन्न प्रकार के लंबित मामलों का निस्तारण सुलह-समझौते के आधार पर किया जाएगा। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अल्मोड़ा की सचिव शचि शर्मा ने वादकारियों और आम जनता से अपील की है कि जो भी व्यक्ति अपने मामलों का समाधान राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से कराना चाहते हैं, वे 13 दिसम्बर की तिथि से एक कार्य दिवस पूर्व तक संबंधित न्यायालय में स्वयं या अपने अधिवक्ता के माध्यम से आवेदन प्रस्तुत कर अपने वाद को नियत करा सकते हैं। शचि शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में वही वाद नियत किए जाते हैं, जिनका निस्तारण विधि अनुसार सुलह-समझौते से संभव हो। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि यदि किसी वाद में न्यायालय शुल्क (कोर्ट फीस) पहले ही जमा की जा चुकी है और उसका निस्तारण लोक अदालत में हो जाता है, तो वह राशि संबंधित पक्षकार को पूर्ण रूप से वापस कर दी जाती है। उन्होंने बताया कि लोक अदालत में फौजदारी शमनीय प्रकृति के मामले, श्रम और नियोजन विवाद, धन लेनदेन, विवाह संबंधी (तलाक को छोड़कर) विवाद, किरायेदारी, व्यादेश तथा अन्य दीवानी मामले सुलझाए जाएंगे। इसके साथ ही चैक बाउंस, मोटर दुर्घटना मुआवजा, बिजली-पानी के बिल, भूमि अधिग्रहण, राजस्व और उपभोक्ता फोरम में लंबित वादों के अलावा ट्रैफिक चालान से संबंधित मामलों का निस्तारण भी लोक अदालत में किया जा सकेगा। इसी प्रकार, ऐसे विवाद जो अभी तक अदालत में दायर नहीं हुए हैं—जैसे चैक बाउंस, रूपयों के लेनदेन, श्रम विवाद, बिजली-पानी या फोन बिल, भरण-पोषण तथा अन्य दीवानी या शमनीय फौजदारी विवाद—उन्हें भी आपसी सहमति से लोक अदालत में सुलझाया जा सकता है। सचिव शचि शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत न केवल त्वरित न्याय का माध्यम है, बल्कि जनसुलभ और सुलह-आधारित न्याय की दिशा में एक प्रभावी पहल है। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे इस अवसर का लाभ उठाकर अपने लंबित विवादों का निपटारा आपसी समझौते से कर न्याय प्रक्रिया को सहज और त्वरित बनाएं।



