
रुद्रप्रयाग(आरएनएस)। जनपद के प्राथमिक विद्यालयों में जहां छात्र संख्या 10 से कम है वहां भवन पुनर्निर्माण के प्रस्ताव पर महज एक कक्ष बनाने की ही अनुमति दी जाएगी। नए भवन के लिए विभागीय स्तर पर स्वीकृति नहीं दी जाएगी। जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक ने इस बाबत विभागीय आदेश भी जारी किए हैं। उक्त विद्यालयों में पुनर्निर्माण के नाम पर महज एक ही कक्ष की स्वीकृति दी जाएगी। जनपद में प्राथमिक शिक्षा में कई विद्यालय ऐसे हैं जहां छात्र संख्या निरंतर घटती जा रही है। ऐसे में इन विद्यालयों से शिक्षा विभाग को भवन पुनर्निर्माण के नाम पर भेजे गए प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी जाएगी बल्कि एक कक्ष बनाने की स्वीकृति दी जाएगी। इसी कक्ष में प्रधानाचार्य के साथ ही कक्षा का संचालन किया जाएगा। ऐसे में एक ओर जहां सरकारी धन को बचाने का प्रयास किया जाएगा वहीं छात्र संख्या की कमी के चलते 10 से कम छात्र-छात्राओं का पठन-पाठन एक ही कक्षा-कक्ष में किया जाएगा। जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक अजय चौधरी ने बताया कि जनपद में 8 से 10 विद्यालय जर्जर की श्रेणी में है। जबकि यहां छात्र संख्या में भी 10 से नीचे हैं। इन विद्यालयों में भवन पुनर्निर्माण के नाम पर आए गए प्रस्ताव में महज एक कक्षा-कक्ष को बनाने की स्वीकृति दी जाएगी। एक ही कक्ष में प्रधानाचार्य कार्यालय के साथ ही कक्षा का संचालन किया जाएगा। इसके लिए विभाग में आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। यह आदेश घटती छात्र संख्या और सरकारी धन के दुरूपयोग को रोकने के लिए किया गया है। इन विद्यालयों के लिए नया भवन बनाने का प्रस्ताव पास नहीं किया जाएगा। पुराने भवन के साथ महज एक नए कक्षा-कक्ष बनाने को स्वीकृति दी जाएगी। जिन विद्यालयों में छात्र संख्या 10 से अधिक होगी वहां नियम लागू नहीं होगा।



