
अल्मोड़ा। औद्योगिक आस्थान पाताल देवी स्थित स्पर्धा संस्था द्वारा संचालित हनी प्रोसेसिंग यूनिट में मंगलवार को प्रतिष्ठित आईसीएआर–राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंधन अकादमी, हैदराबाद के छह युवा कृषि वैज्ञानिकों ने क्षेत्रीय अनुभव प्रशिक्षण के अंतर्गत भ्रमण किया। यह भ्रमण केवीके मटेला, अल्मोड़ा के सहयोग से आयोजित किया गया। इस दल में डॉ. कार्तिक कुमार (जेनेटिक्स एंड प्लांट ब्रीडिंग), डॉ. मंजूनाथ पी. बी. (जेनेटिक्स एंड प्लांट ब्रीडिंग), डॉ. दीप चंद्र सुयाल (एग्रिकल्चरल माइक्रोबायोलॉजी), डॉ. नृपेंद्र सिंह (लाइवस्टॉक प्रोडक्शन एंड मैनेजमेंट), डॉ. मिन्नी शशि (प्लांट बायोकेमिस्ट्री) और डॉ. अंकिता कटारिया (फूड टेक्नोलॉजी) शामिल रहे। यूनिट में मधुमक्खी पालन और शहद प्रसंस्करण को वैज्ञानिक पद्धति से किया जा रहा है। यूनिट संचालक ने आगंतुक वैज्ञानिकों को यूनिट की कार्यप्रणाली, उपकरणों की संरचना, शहद के प्रसंस्करण, पैकेजिंग और विपणन की पूरी प्रक्रिया का व्यावहारिक प्रदर्शन कराया। इस अवसर पर युवा वैज्ञानिकों ने कहा कि वैज्ञानिक विधि से किया गया मधुमक्खी पालन ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने का सशक्त माध्यम है। यदि किसान इसे वैज्ञानिक ढंग से अपनाएं तो यह युवाओं और किसानों दोनों के लिए आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रेरक सिद्ध हो सकता है। भ्रमण के दौरान वैज्ञानिकों ने हनी प्रोसेसिंग की तकनीकी विधियों को समझा और ग्रामीण उद्यमिता से इसके जुड़ाव को नजदीक से महसूस किया। यह कार्यक्रम उनके फोकर्स प्रशिक्षण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था, जिसका उद्देश्य युवा वैज्ञानिकों को ग्रामीण कृषि नवाचारों और सतत विकास के मॉडल से जोड़ना है।