यात्रा प्राधिकरण के दायरे में आएंगे प्रदेश भर के धार्मिक आयोजन

देहरादून(आरएनएस)। उत्तराखंड में बनने वाले यात्रा विकास प्राधिकरण के दायरे में न सिर्फ चार धाम यात्रा, बल्कि अन्य सभी बड़े धार्मिक आयोजन भी आएंगे। धार्मिक आयोजन, धार्मिक स्थलों पर यात्री सुविधाओं के विकास, आधारभूत ढांचा विकसित करने और भीड़ नियंत्रण का जिम्मा नए बनने वाले यात्रा विकास प्राधिकरण पर रहेगा। सचिव मुख्यमंत्री विनय शंकर पांडेय ने शुक्रवार को सचिवालय मीडिया सेंटर में यात्रा प्राधिकरण पर जानकारी दी।
सचिव मुख्यमंत्री ने बताया कि यात्रा विकास प्राधिकरण के गठन की तैयारी शुरू हो गई है। इसके ड्राफ्ट पर काम किया जा रहा है। सभी हित धारकों से भी सुझाव लेते हुए यात्रा प्राधिकरण पर काम किया जाएगा। यात्रा प्राधिकरण का कार्यक्षेत्र सिर्फ चार धाम यात्रा क्षेत्र ही नहीं रहेगा। बल्कि पूरे प्रदेश के धार्मिक आयोजन रहेंगे। कहा कि हर साल होने वाली कांवड़ यात्रा को भी व्यवस्थित और नियंत्रित करने का जिम्मा इस नए यात्रा प्राधिकरण पर रहेगा। इसी तरह कुमाऊं मंडल में मानसखंड कॉरिडोर के तहत आने वाले पूर्णागिरी मंदिर की व्यवस्थाओं को प्राधिकरण के जरिए और बेहतर किया जाएगा।
कहा कि जागेश्वर मंदिर, कैंची धाम, देवीधूरा मेले समेत प्रदेश के अन्य ऐसे धार्मिक स्थल और आयोजनों में भी भीड़ नियंत्रण का जिम्मा इसी प्राधिकरण पर रहेगा। यही प्राधिकरण इन सभी स्थानों और आयोजनों में व्यवस्थाओं को और अधिक चाक चौबंद रखेगा। ढांचागत सुविधाओं को विकसित करने के साथ ही यात्रा को सुचारु और व्यवस्थित संचालन में अपनी अहम भूमिका निभाएगा।