विकसित भारत अभियान के लक्ष्यों को ध्यान में रखकर बनी राष्ट्रीय शिक्षा नीति

अल्मोड़ा। सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो सतपाल सिंह बिष्ट ने कहा कि विकसित भारत का मतलब केवल ये नहीं की हम आर्थिक रूप से विकसित हो। विकसित होने का मतलब आध्यत्मिक, सामाजिक, पर्यावरणीय और नैतिक रूप से विकसित होना है। यह बात गुरुवार को सोबन सिंह जीना विवि के शिक्षा संकाय के सभागार में विकसित भारत अभियान के अंतर्गत आयोजित सात दिवसीय समुदायिक कार्यशाला को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का निर्माण भी विकसित भारत अभियान के लक्ष्यों को ध्यान में रखकर किया है। कहा कि खुद को अनुशासित होकर हम तनाव, दुख और भय से मुक्ति होकर विकसित भारत का सपना साकार कर सकते है।

वहीं शिक्षा संकाय की पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो विजयारानी ढोंडियाल ने कहा विकसित भारत अभियान के सभी बिंदुओं पर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि महिलाओं को साइबर अपराध के प्रति जागरूक होने की जरूरत है। महिला थाना प्रभारी बसंती आर्य ने महिला सुरक्षा, साइबर क्राइम और बाल अपराध के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस मौके पर प्रो विजयारानी ढोंडियाल और सहायक प्राध्यापक डॉ संगीता पवार की सोशियो, कलर, इकोनामिक एंड नेशनल प्रोस्पेक्टिव ऑफ ट्राईबल एजुकेशनपुस्तक का विमोचन किया गया।

शिक्षा संकाय की विभागाध्यक्ष प्रो भीमा मनराल ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए उनका आभार जताया। कहा कि हमारी दैनिक दिनचर्या से हमारे संस्कारों का पता चलता है, तथा संस्कार हमारे मस्तिस्क के लिए साफ्टवेयर के समान होता है। जिस तरह के विचार मस्तिष्क में चलते है, वैसा ही व्यक्ति का जीवन बनता जाता है। अतः राष्ट्र के प्रति प्रेम-भावना रखते हुए सदैव श्रेष्ठ विचारों से मस्तिष्क को श्रेष्ठ मार्ग की और सबल बनाने की आवश्यकता पर उन्होंने जोर दिया।

कार्यक्रम का संचालन लक्ष्मी देवी टम्टा महिला अध्ययन केंद्र की समन्वयक डॉ संगीता पवार ने किया। इस मौके पर कुलसचिव डॉ देवेंद्र सिंह बिष्ट, डॉ रिजवाना सिद्दीकी, डॉ नीलम, डॉ ममता कांडपाल, हंस फॉउंडेशन की अनिता कनवाल, डॉ संदीप पांडे, डॉ देवेंद्र चम्याल, सरोज जोशी, अंकिता कश्यप, विनीता लाल, ललिता रावल, मनोज आर्या, मनोज कार्की बीएड एमएड प्रशिक्षु मौजूद रहे।