विद्यालय अवधि में चल रही व्यावसायिक गतिविधि, कैसे होगी पढ़ाई

अल्मोड़ा। शिक्षा के मंदिर विद्यालय मनोरंजन के ठिकाने बनते जा रहे हैं। आलम यह है कि अधिकारी कितने भी दावे कर लें आदेश कर लें लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ता। अल्मोड़ा के सबसे पुराने और ब्रिटिशकालीन स्कूल अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज के खेल मैदान व परिसर में बीते 26 अक्टूबर से पांच नवंबर तक कुमाऊं महोत्सव आयोजित किया जा रहा है। महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए मैदान में स्टेज लगा है जिसमे रात्रि के समय कार्यक्रम हो रहे हैं जहाँ कलाकार अपनी प्रस्तुतियां दे रहे हैं। वहीं विद्यालय के ऊपरी हिस्से में दुकानें और झूले लगे हैं। विद्यालय और आयोजन समिति के अनुबंध में था कि विद्यालय के समय में महोत्सव में विद्यालय परिसर में किसी भी प्रकार की गतिविधियां संचालित नहीं होंगी लेकिन यहाँ विद्यालय की अवधि में विद्यालय से लगते मैदान में जहाँ दुकानें लगी हैं वहाँ दुकानें दिन भर चल रही हैं। खाने के स्टॉल भी विद्यालय के समय में चालू रहते हैं। इससे विद्यालय में विद्यार्थियों का ध्यान भंग होना स्वाभाविक है और शिक्षण कार्य भी प्रभावित हो रहा है। परिसर में मेला लगा है तो बच्चे भी मेले में घूम रहे हैं। इस सम्बन्ध में प्रभारी मुख्य शिक्षाधिकारी द्वारा 02 दिन पूर्व आदेश भी जारी किया गया था जिसमें उल्लेखित था कि कार्यालय, विद्यालय की अवधि के दौरान दुकानें व झूले आदि संचालित नहीं किए जाय। लेकिन 02 दिन बाद भी आदेश का कोई असर नहीं हुआ। दुकानें खुली रही व सामान तथा खाने पीने की सामग्री अन्य दिनों की भांति बिक रही थी। प्रधानाचार्य एन एस बिष्ट का कहना है कि महोत्सव में किए गए अनुबंध की शर्तों का पूर्णतः पालन नहीं हो रहा है तथा पुलिस प्रशासन का सहयोग नहीं मिला। उन्होंने कहा कि अनुबंध में सुबह साढ़े नौ बजे से अपराह्न साढ़े तीन बजे तक गतिविधियां संचालन पर रोक के लिए कहा गया था लेकिन पालन नहीं हो रहा है और इसकी सूचना मुख्य शिक्षाधिकारी को दी गई है। यहाँ इस मामले पर जानकारी चाहने को मुख्य शिक्षाधिकारी से संपर्क का प्रयास किया लेकिन नहीं हो पाया। विदित हो कि इस मामले पर सिर्फ कागजी कार्यवाही क्यों की गई और कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाया गया यह सोचनीय विषय है। जहाँ यह मेला आयोजित हो रहा है वहां से मुख्य शिक्षाधिकारी कार्यालय मात्र 100 मीटर दूर है। शिक्षा के मंदिरों में विद्यालय समय में इस प्रकार के आयोजनों से विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित होती है जिस पर उच्चाधिकारियों को संज्ञान लेना चाहिए।


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