
अल्मोड़ा। वन पंचायत परामर्शदात्री समिति के बैनर तले कुमाऊं मंडल के विभिन्न जिलों से आए वन पंचायत सरपंचों ने सोमवार को चौघानपाटा में एकत्र होकर आठ सूत्रीय मांगों को लेकर जोरदार धरना-प्रदर्शन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता निशा जोशी ने की, जबकि संचालन हेम चन्द्र कपिल ने किया। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि वन पंचायत सरपंच संगठन लंबे समय से अपनी न्यायोचित मांगों को लेकर आंदोलनरत है, लेकिन सरकार द्वारा अब तक इन पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधानों की तरह वन पंचायत सरपंचों को भी मानदेय दिया जाए, सरपंचों के लिए बीमा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, वन पंचायतों को समय पर लीसा और लकड़ी की रॉयल्टी मिले तथा वन पंचायत सलाहकारों का गठन सरपंचों की भागीदारी से किया जाए। संगठन ने यह भी मांग की कि वन पंचायतों को संवैधानिक दर्जा प्रदान किया जाए और परामर्शदात्री समिति के अध्यक्षों को बीडीसी बैठकों में भाग लेने का अधिकार मिले। धरना प्रदर्शन के दौरान अल्मोड़ा वन प्रभाग और सिविल सोयम अल्मोड़ा के प्रभागीय वन अधिकारियों ने धरना स्थल पर पहुंचकर आंदोलनकारियों से वार्ता की। इसके बाद सरपंचों ने अपनी मांगों का ज्ञापन संबंधित अधिकारियों को सौंपा। धरना समाप्त होने के पश्चात आंदोलनकारियों ने चौघानपाटा से लक्ष्मेश्वर तक जुलूस निकालकर प्रदेश सरकार के प्रति अपनी नाराजगी जताई और अंततः जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। धरना स्थल पर गणेश चन्द्र जोशी, दिनेश पिलख्वाल, विनोद पांडेय, दान सिंह कठायत, कमल सुनाल, भीम सिंह नेगी, खुशाल हरकौटिया, प्रयाग सिंह जीना, नयन सिंह मेहरा, माधो राम, नन्द किशोर, कल्याण सिंह, किशन राम, राजेन्द्र उप्रेती, नारायण सिंह नेगी, हीरा बल्लभ बेदवाल, बची राम भट्ट, सीमा तिवारी, कमलेश जीना, लीला बोरा, बिना विष्ट, हिम्मत सिंह, चन्द्र शेखर फुलारा सहित बड़ी संख्या में सरपंच मौजूद रहे।



