उत्तराखण्ड क्रिकेट के इतिहास में काला पन्ना
देहरादून। यदि गुरूग्राम से आयी खबर सही है और पुलिस की जांच सही दिशा में चल रही है तो उत्तराखण्ड के क्रिकेट के इतिहास में इससे काला दिन कोई नहीं हो सकता है। गुरुग्राम पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा-दो ने पूछताछ करने के बाद उत्तराखंड के देहरादून में एक क्रिकेट एकेडमी के संचालक कुलबीर रावत को गिरफ्तार किया है। कुलवीर ने पूछताछ में जो पुलिस को बताया वह काफी चौंकाने वाला है। कुलवीर की बात मानें तो यहां क्रिकेट टीम के चयन के लिए बड़े पैमाने पर धन का लेनदेन हुआ है।
इसी साल 24 अगस्त को न्यू पालम विहार में रह रहे मूल रूप से उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के गांव पिपरिया निवासी अंशुल राज ने धोखाधड़ी की शिकायत सेक्टर-50 थाने में दर्ज कराई थी। उसके मुताबिक दिल्ली की डेयरडेविल क्रिकेट एकेडमी उन्होंने वर्ष 2016 के दौरान ज्वाइन की थी। दो साल बाद गोल्डन हाक एकेडमी में प्रैक्टिस के दौरान उनकी मुलाकात दीपक नामक युवक से हुई थी। दीपक ने बापरोला क्रिकेट एकेडमी के संचालक राज राजपूत से मिलवाया था। आगे मुलाकात एक स्पोर्ट्स मैनेजमेंट कंपनी से जुड़े आशुतोष बोरा, चित्रा बोरा, नितिन एवं पुष्कर तिवारी से कराई गई। फिर हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन का लेटर दिखाते हुए सभी ने कहा कि उनका चयन हो गया है। इस पूरे मामले में रिपोर्ट दर्ज करायी गयी है। इसी सिलसिले में कुलबीर रावत अपना पक्ष रखने के लिए गुरुग्राम पहुंचा था। अपना पक्ष रखने के दौरान संदेह होने पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उसके खाते में कई बार में 30 लाख रुपये जमा कराए जाने की बात सामने आई है। इधर, एक अन्य आरोपित जावेद खान ने अग्रिम जमानत के लिए जिला अदालत में अर्जी डाली थी, जिसे खारिज कर दिया गया। जावेद खान पूर्व रणजी खिलाड़ी है।
पुलिस पूछताछ में कुलबीर ने बताया है कि वह यूपी एवं उत्तराखंड में 8 से 9 खिलाड़ियों का चयन करवा चुका है। लिहाजा पुलिस अब चयनित खिलाड़ी और पदाधिकारियों से भी बात करेगी। इसके अलावा कुलबीर के खाते में 35 लाख रुपए आशुतोष बोरा द्वारा जमा कराए गए हैं और इस पर भी जांच होनी है। कुलबीर के बयान ने उत्तराखंड क्रिकेट में एक नया भूचाल ला दिया है। इससे पहले संघ की कार्यशैली पर सवाल उठे हैं। कुछ पदाधिकारियों ने इसे उजागर किया था और संघ ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया था। वहीं एकेडमी संचालन के साथ सीएयू में तैनाती और परिवार के सदस्य का टीम में खेलना भी सवालों के घेरे में रहा है। जांच अधिकारी एसआइ उमेश कुमार का कहना है कि छानबीन के दौरान जिनके भी नाम सामने आए हैं, उन्हें नोटिस भेजकर अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया है। जल्द ही मामले की पूरी सच्चाई न केवल सामने लाई जाएगी बल्कि सभी आरोपितों को गिरफ्तार किया जाएगा। बता दें कि 24 अगस्त को न्यू पालम विहार में रह रहे मूल रूप से उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के अंशुल राज द्वारा धोखाधड़ी की शिकायत सेक्टर-50 थाने में दर्ज कराने के बाद से आर्थिक अपराध शाखा-दो कई एंगिल को ध्यान में रखकर जांच कर रही है। जांच का दायरा बढ़ाने से ही सामने आया कि अंशुल के साथ ही कई अन्य खिलाड़ियों के साथ धोखाधड़ी की गई थी।
दूसरी ओर सीएयू के सचिव महिम वर्मा ने कहा कि गुरुग्राम पुलिस ने जिसे गिरफ्तार किया है वह व्हाट्सएप चैट में मुझे जानने की बात कह रहा है। हो सकता है कि उसने इसी तरह हमारे और संस्था के नाम का उपयोग कर लोगों को गुमराह किया हो। हम इस मामले में विधिक सलाह ले रहे हैं। सीएयू की टीमें साफ सुथरी हैं।