नागरिकों को स्वच्छ पानी नहीं मिलना मानवाधिकारों का उल्लंघन: उलोवा

अल्मोड़ा। विगत दिनों हुई वर्षा ने जल संस्थान अल्मोड़ा की पोल खोल कर रख दी है। सोमेश्वर में बादल फटे सप्ताह से अधिक समय बीत गया पर अभी तक साफ पानी अल्मोड़ा शहर को नसीब नही हो पाया है। पेयजल समस्या को लेकर हुई एक बैठक में उत्तराखंड लोक वाहिनी ने जल संस्थान तथा गंगा मिशन पर सवाल उठाए हैं। वाहिनी ने कहा कि सरकार नदियों को स्वच्छ रखने के लिये गंगा मिशन चला रही है, जिसके तहत वह हर नदी, नाला जिसकी एक बूद भी गंगा अथवा उनकी सहायक नदियों में गिरती है उन्हें स्वच्छ बनाना सरकार व प्रशासन का दायित्व है पर जनपद में कोसी नदी के तटवर्ती इलाकों में जहाँ भी सड़कों का निर्माण हो रहा है, वह सीधे ही कोसी नदी मे समा रहा है। जबकि जल संस्थान व प्रशासन को यह मालूम है कि कोसी नदी कई गावों व नगर की पानी की लाइफ लाईन है। अल्मोड़ा नगरवासी बाजार से महंगा पानी लेने को मजबूर हो रहे हैं या नौलों से आपूर्ति कर प्यास बुझा रहे हैं। अधिकांश लोग दूषित पानी की वजह से अस्वस्थ हो रहे हैं। उलोवा ने सरकार व प्रशासन से मांग की है कि सड़क निर्माण व भवन निर्माण के मलवे को नदी में डालने के बजाय डंम्पिग जोन में ही डलवाने की व्यवस्था बने। उलोवा ने कहा है कि पिछले एक सप्ताह से नागरिकों को स्वच्छ पानी नहीं मिलना उनके मानवाधिकारों का सीधा उल्लंघन है, जल संस्थान व प्रशासन स्वच्छ जलापूर्ति सुनिश्चित कराए ताकि नागरिकों के मौलिक अधिकारों की सुरक्षा हो सके। बैठक में वाहिनी के पूरन चंद्र तिवारी, जगत रौतेला, जंग बहादुर थापा, दयाकृष्ण कांडपाल, बिशन दत्त जोशी, अजयमित्र सिंह बिष्ट, अजय मेहता आदि उपस्थित रहे।