उत्तराखंड की राजनीति एवं रणनीति 2022 के चुनाव विषय पर हुआ वेबिनार आयोजित

श्रीनगर गढ़वाल। एचएनबी गढ़वाल विवि के राजनीति विभाग की ओर से उत्तराखंड की राजनीति एवं रणनीति 2022 के चुनाव विषय पर एक दिवसीय वेबिनार आयोजित किया। जिसमें विशेषज्ञों ने कहा कि आज प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता बनी हुई और क्षेत्रीय दलों पर लोगों का अधिक भरोसा नहीं है। जिस कारण राष्ट्रीय पार्टियां यहां बारी-बारी अपनी सरकार बनाती है। कार्यक्रम में गढ़वाल विवि की कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल ने कहा कि उत्तराखंड राज्य आन्दोलनों का राज्य रहा है, इस राज्य का निर्माण ही आन्दोलन से हुआ है, लेकिन आज हम देखें तो पिछले दो दशकों में इस राज्य में कोई भी मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी के अतिरिक्त अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएं हैं, यह दुखद विषय है। मुख्य वक्ता प्रो. संजय कुमार ने कहा कि उत्तराखंड में हमेशा से अस्थिरता की सरकारें रही हैं। जबकि राज्य के लोगों ने पूर्ण बहुमत की सरकार राज्य को दी है। लेकिन पिछले दो दशकों का इतिहास व हमारे संस्था के आँकड़े बताते हैं कि यहाँ पर अब उत्तराखंड में तीसरी पार्टी के आने की संभावना अधिक दिख रही हैं। उत्तराखंड का चुनाव 2022 के लिए एक नई जमीन पूरी तरह से तैयार है, देखना यह होगा कि कौन इस जमीन पर पौधा लगाता है। कहा कि पिछले आंकड़ा को देखकर उत्तराखंड में तीसरे दल के रूप में आम आदमी पार्टी उभर कर आ सकती है। कार्यक्रम संयोजक डॉ राकेश नेगी, प्रो. आरएन गैरोला, प्रो. हिमांशु बौड़ाई , प्रोफेसर एमएम सेमवाल, प्रो. मनमोहन नेगी, प्रो. अरुण बहुगुणा, प्रो. राकेश कुँवर, डॉ जेपी भट्ट , डॉ नरेश कुमार, डॉ मनोज कुमार, राधिका नेगी आदि मौजूद थे।

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