मातृभाषा से ही राष्ट्र का विकास संभव : डा. उनियाल

देहरादून। मातृभाषा से ही देश में एकता को बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा किसी राष्ट्र का विकास भी मातृभाषा से ही संभव है। ये बात उच्च शिक्षा के संयुक्त निदेशक डा. आनंद उनियाल ने सोमवार को एमकेपी पीजी कालेज में शुरू हुई अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा गोष्ठी के दौरान कही। कार्यक्रम संयोजक व भारतीय भाषा केंद्र की सह निदेशक डॉ. ममता सिंह ने बताया कि इस गोष्ठी में शोध पत्र वाचन के साथ साथ भारत की विविध क्षेत्रीय भाषाओं में छात्राएं कविता, गीत प्रस्तुत करेंगी, संगोष्ठी के माध्यम से विद्यार्थियों में अपनी मातृभाषा के प्रति स्नेह और सम्मान जगाना भी एक उद्देश्य है। विशिष्ट वक्ता के रूप में डॉ राकेश चंद्र ने भाषा ने कहा कि विकास और मातृभाषा व्यक्तित्व विकास के लिए आवश्यक है। विशेष उपस्थिति के रूप में डॉ. कुमुद उपाध्याय ने अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का इतिहास बताया। इस दौरान डॉ अलका मोहन शर्मा, डॉ पुनीत सैनी, पूनम सिंह,भारतीय भाषा केन्द्र के सत्पथी, उषा किरन, डॉ. तुष्टि मैठाणी, डॉ. अर्चना शुक्ला, डॉ. ज्योत्सना शर्मा, डॉ. एल्वी दास, डॉ. तूलिका चंद्रा, डॉ. आरती सिसौदिया, डॉ. रीता तिवारी, डॉ. मोनिका भटनागर आदि उपस्थित रहे।