ठेका कर्मियों ने लगाया ठेकेदार पर आर्थिक उत्पीड़न का आरोप

ऋषिकेश। सरकार की ओर से निर्धारित मानदेय से कम का भुगतान करने पर नगर निगम ऋषिकेश में कार्यरत ठेका कर्मचारियों का गुस्सा फूट पड़ा। आक्रोशित कर्मचारियों ने नियोक्ता ठेकेदार का घेराव कर खूब खरी-खोटी सुनाई। कर्मियों ने मानदेय पूरा और बकाया धनराशि का भुगतान नहीं करने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है। शनिवार को नगर निगम परिसर में उस वक्त हंगामा हो गया जब मासिक मानदेय कम देने का आरोप लगाते हुए ठेका कर्मियों ने ठेकेदार को घेर लिया। ठेका कर्मियों ने ठेकेदार पर आर्थिक उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए जमकर बवाल किया। आक्रोशित ठेका कर्मी राजीव कश्यप, सोनू कुमार, अमित खन्ना, नीरज खैरवाल, विक्रम भंडारी, आशु शर्मा, विशाल ने बताया कि शासनादेश में ठेका कर्मियों का मासिक वेतन 10,500 रुपये निर्धारित है। जबकि ठेकेदार की ओर से 8700 रुपये दिए जा रहे हैं। आरोप लगाया कि यह सिलसिला वर्ष 2019 से चल रहा है। विरोध करने पर ठेकेदार उचित कार्रवाई का आश्वासन देकर मामले को टालता रहा। अब मजबूरी में आंदोलन का रुख अख्तियार करना पड़ा है। ठेका कर्मियों ने बताया कि नगर निगम के अधिकारियों को भी मामले से अवगत करा चुके हैं, लेकिन अभी तक कार्रवाई नहीं हुई। कूड़ा वाहन चालक, इलेक्ट्रिशियन, लाइनमैन, चपरासी और सफाई का कार्य करने वाले करीब 150 ठेका कर्मी है। ठेकेदार राजेश कंडवाल ने बताया कि मानदेय भुगतान में किसी तरह की अनियमितता नहीं है। मूल मानदेय में से पीएफ कटौती के बाद ठेका कर्मी को भुगतान किया जाता है।

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