तपोवन और स्वर्गाश्रम के होटल यात्रियों से फुल

ऋषिकेश। चारधाम यात्रा के कारण मुनिकीरेती, तपोवन और स्वर्गाश्रम क्षेत्र यात्रियों से पैक हो गए हैं। क्षेत्र के आश्रम,धर्मशाला और होटलों के कमरे फुल चल रहे हैं। कारोबार में उछाल से स्थानीय व्यापारियों के चेहरे भी खिले हुए हैं। दरअसल दो साल बाद चारधाम यात्रा शुरू हुई है। इस साल रिकॉर्ड यात्री पहुंचने का सिलसिला जारी है। कोरोना की रफ्तार थमने से इस बार चारधाम यात्रा पूरे उत्साह और उमंग के साथ चल रही है। ऋषिनगरी के मुनिकीरेती, तपोवन, लक्ष्मणझूला, स्वर्गाश्रम क्षेत्र में तीर्थ यात्रियों की भीड़ बढ़ गई है। इससे जानकी और रामझूला पुल पर भी दबाव बढ़ा है। यात्रियों की संख्या बढ़ने से आश्रम और होटलों में जगह नहीं मिल पा रही है। इससे यात्रियों को परेशानी तो हो रही हैं, मगर यहां का माहौल उन्हें खूब रास आ रहा है। राजस्थान और मध्यप्रदेश सहित दक्षिण भारतीय शहरों से आए श्रद्धालुओं को यहां आकर सुकून का अहसास हो रहा है। मध्यप्रदेश के आए बिजेंद्र, प्रितेश गुप्ता, अजय ने बताया कि दो साल के अंतराल के बाद यहां आने का मौका मिला। बदरीनाथ और केदारनाथ के दर्शन को रवाना होना था। लेकिन फिलहाल भगवान के दर्शन के लिए इंतजार करना होगा। ऐसे में उन्होंने ऋषिकेश के लक्ष्मणझूला, रामझूला, जानकी सेतु, तेरह मंजिल, बारह मंजिल मंदिर में घूमने का प्लान बनाया। यहां पर आकर उन्हें अच्छा लगा। वहीं स्थानीय व्यापारी नारायण सिंह रावत, अश्वनी गुप्ता ने बताया की यात्रियों की भीड़ बढ़ने से स्थानीय बाजार फिर से गुलजार हो गया है। दो साल बाद फिर से कोरोबार ने पहले जैसी रफ्तार पकड़ी है। कहा कि चारधाम यात्रा से स्थानीय लोगों को लाभ मिल रहा है। यह पर्यटन के लिहाज से सुखद है।

कैफे भी ग्राहकों से गुलजार-  लक्ष्मणझूला और तपोवन क्षेत्र में कैफों में विदेशी मेहमान टाइम बिताना पंसद करते हैं। लेकिन कोरोनाकाल में कैफों में सन्नाटा पसरा हुआ था। अब जब एक और गर्मी के कारण पर्यटक की संख्या बढ़ी है, वहीं चारधाम यात्रा शुरू हुई। इससे कैफे भी अब पर्यटकों से गुलजार हो गए। कैफे संचालक जितेंद्र धाकड़ ने बताया इन दिनों ग्राहकों की संख्या में इजाफा हुआ है।