स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बसेड़ी पहुंचकर बीमार बच्चियों की जांच की

रुड़की। बसेड़ी गांव में एक ही परिवार के सदस्यों को अजीब बीमारी की सूचना से स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। शनिवार को सीएचसी की टीम ने गांव पहुंचकर बीमार बच्चियों की गहनता से जांच की। टीम अब बीमार बच्चियों के माता-पिता, बहनों के अलावा उनके मामा की पारिवारिक जानकारी जुटा रही है। बसेड़ी निवासी मुर्सलीन मजदूरी करता है। उसके परिवार के सदस्य एक अजीब बीमारी से जूझ रहे हैं। इस बीमारी में बच्चों की उम्र दस साल होते ही पहले उनके दोनों पैर और फिर दोनों हाथ बेजान होने लगते हैं और फिर पूरी तरह निष्क्रिय हो जाते हैं। सबसे पहले मुर्सलीन के बड़े बेटे मुकीम को दस साल की उम्र में यह परेशानी हुई थी। छह साल के लंबे इलाज के बाद उसकी मौत हो गई थी। अब मुर्सलीन की दो बड़ी बेटियां, अलीशा (17) व सादिया (14) भी इसी बीमारी से ग्रस्त हैं। अलीशा के हाथ व पैर बेजान हो चुके हैं, जबकि सादिया के हाथ अभी 50 फीसदी काम कर रहे हैं। लक्सर सीएचसी अधीक्षक डॉ.अनिल वर्मा बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. छवि पटेल के साथ बसेड़ी पहुंचे और मुर्सलीन की दोनों बीमारी बेटियों की गहराई से जांच की। साथ ही उनके माता-पिता और चारों छोटी बहनों का स्वास्थ्य भी जांचा। इसके अलावा टीम ने मुर्सलीन की माता-पिता व भाइयों के स्वास्थ्य के बारे में भी बारीकी से पूछताछ की। टीम के प्रभारी डॉ. वर्मा का कहना है कि प्राथमिक जांच में मामला हार्मोनल डिसबैलेंस का लग रहा है। इस तरह की बीमारी वंशानुगत होती है। मुर्सलीन व उससे पहले की पीढ़ी में ऐसी किसी बीमारी का अभी पता नही चला है। बीमार बच्चियों के ननिहाल के बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है। बच्चियों की कुछ जांचें भी कराई जा रही हैं। जल्द ही बीमारी की पहचान कर इलाज शुरू किया जाएगा।

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