एसटीपी प्लांट मामले में दो हफ्ते में स्थिति बताए सरकार : हाईकोर्ट

नैनीताल(आरएनएस)।  हाईकोर्ट ने ऋषिकेश में गंगा नदी की सहायक चंद्रभागा नदी पर बनाए जा रहे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनाने के मामले में राज्य सरकार और उत्तराखंड पेयजल निगम को दो सप्ताह के भीतर स्थिति से अवगत कराने को कहा है। मामले की सुनवाई मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रितु बाहरी एवं न्यायाधीश न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने की। अगली सुनवाई विजयदशमी के बाद होगी। मामले के अनुसार, इस संबंध में महादेव मंदिर ट्रस्ट के कुलबिन्दर सिंह रावत ने जनहित याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता ने कहा है कि ऋषिकेश में पेयजल निगम द्वारा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) एवं राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) की अनुमति के बगैर नियमों को ताक पर रखकर गंगा की सहायक नदी चंद्रभागा पर आठ एमएलडी क्षमता का एसटीपी बनाया जा रहा है। याचिकाकर्ता का कहना है कि यह प्लांट लगने से चंद्रभागा एवं गंगा नदी प्रदूषित होने के साथ ही स्थानीय लोगों को स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। लोगों को दुर्गंध और जहरीली गैसों के रिसाव आदि से भी जूझना पड़ सकता है। ऐसे में एसटीपी के निर्माण पर रोक लगाकर इसे लक्कड़घाट अथवा चोरपानी ढालवाला में स्थानांतरित किया जाए। याचिकाकर्ता ने कहा है कि इस संबंध में स्थानीय लोगों ने राज्य सरकार को प्रत्यावेदन दिया है, लेकिन अभी तक उस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की है कि राज्य सरकार को यहां एसटीपी के निर्माण कार्य पर रोक लगाने का आदेश दिया जाए।