
अल्मोड़ा। एसएसजे विश्वविद्यालय, अल्मोड़ा में मंगलवार को समाचार एवं विचार सम्मेलन और प्रथम पूर्व छात्र कला प्रदर्शनी का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में देशभर से पचास से अधिक प्रतिनिधियों, प्रतिभागियों, कलाकारों और छात्रों ने भाग लिया। समारोह के मुख्य अतिथि कुलपति प्रोफेसर सतपाल सिंह बिष्ट ने कहा कि यह प्रदर्शनी विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों के रचनात्मक प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने दृश्य कला विभाग और संकाय को इस पहल के लिए बधाई दी और कहा कि इस प्रदर्शनी से वर्तमान छात्र पूर्व छात्रों और विभिन्न कला विधाओं के विशेषज्ञों से सीख प्राप्त करेंगे। दृश्य कला संकाय के डीन प्रोफेसर शेखर चंद्र जोशी ने कहा कि कला का उद्गम प्रकृति और मानव के जन्म के साथ हुआ है। भारतीय कला हमारी सभ्यता जितनी ही प्राचीन है। उन्होंने कहा कि भीमबेटका की गुफा चित्रों से लेकर अजंता-एलोरा, खजुराहो, कोणार्क और जागेश्वर के मंदिरों तक, कला ने हमारी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखा है। कला केवल सौंदर्य का माध्यम नहीं, बल्कि यह मानवता, आध्यात्मिकता और समाज के विविध आयामों को अभिव्यक्त करने का माध्यम है। आगरा की शिक्षाविद् डॉ. शुभदा पांडे और पटना की डॉ. राखी कुमार ने क्रमशः मिथिला कला और लोक कला पर अपने विचार रखे। उन्होंने ग्राफिक कला (छपा कला) के महत्व पर भी चर्चा की। इस दौरान मजखली ब्रेवरी प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक एवं सीईओ तथा पैबाईटू प्राइवेट लिमिटेड के सह-संस्थापक डॉ. शंकर बोरुआ द्वारा निर्मित दो मिनट की लघु फिल्म ‘हिमालय बचाओ’ प्रदर्शित की गई। उन्होंने उपस्थित दर्शकों से अपील की कि वे कचरा फैलाकर हिमालय को नुकसान न पहुँचाएँ। सत्र की अध्यक्षता परिसर निदेशक प्रोफेसर प्रवीण बिष्ट ने की। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन और प्रदर्शनी छात्रों में नए विचारों को प्रेरित करेगी और उनकी रचनात्मकता को बढ़ावा देगी। उद्घाटन सत्र का संचालन प्रोफेसर संजीव आर्य ने किया और धन्यवाद ज्ञापन भी दिया। इस अवसर पर प्राची नेगी, हर्षिता नेगी, आंचल आर्य, भावना शर्मा, दिव्या सामंत, दिव्या बिष्ट, निशा चौहान, लता भंडारी, स्नेहा रौतेला और अंजलि आर्य द्वारा तैयार ऐपण प्रतिनिधियों और अतिथियों को भेंट किया गया। फोटोग्राफी में पवन सामंत, ऋतिक रावत और गौरव पांडे (महिला एवं बाल विकास) ने योगदान दिया। स्वयंसेवकों तनुजा, निशा, डॉली रौतेला, अंजलि, रिया, हर्षिता, जानवी, हिमांशु और धर्मेंद्र ने आयोजन में सहयोग किया।