सौतेला भाई निकला 11 साल पूर्व हुए हत्याकांड का आरोपी

रुद्रपुर। शहर में 11 साल पहले हुयी एक हत्या का अब खुलासा हुआ है। अदालत के आदेश पर पुलिस ने मामले की दोबारा जांच शुरू की तो पता चला कि सौतेले भाई ने ही युवक की हत्या की थी। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। रविवार को एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने मामले का खुलासा किया। बताया कि मूलत: बिहार के मधुबनी के विस्पी और रुद्रपुर में सुभाष कॉलोनी निवासी भौनू साहनी 23 जुलाई 2011 को गायब हो गये थे। उनकी पत्नी कृष्णा देवी ने एक अगस्त 2011 को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसकी विवेचना उपनिरीक्षक पंकज जोशी को सौंपी गयी थी। मामले में गहन छानबीन के बाद भी पुलिस को कोई सफलता नहीं मिली, लिहाजा न्यायालय में अंतिम रिपोर्ट लगा दी गयी। लेकिन कृष्णा देवी इस रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं थी। उन्होंने पति के सौतेले भाई छुटकन साहनी पर शक जताते हुये बताया था कि भौनू के गायब होने के बाद वह बिहार चला गया था। कुछ समय बाद वह वहां से भी परिवार समेत कहीं और चला गया। अदालत ने मामले में पुलिस को दोबारा जांच के लिये कहा। इस पर एसपी, सीओ और कोतवाल को जांच के निर्देश दिये गये। एसएसपी ने बताया कि हाल में जिला पुलिस की ओर से लावारिस शवों की शिनाख्त के लिये ऑपरेशन शिनाख्त और तीन वर्षों से अधिक लंबित विवेचनाओं के निस्तारण के लिए विशेष अभियान चल रहा है। इस सिलसिले में पुलिस टीम जब कृष्णा देवी से मिली तो साफ हुआ कि छुटकन उनके साथ ही रुद्रपुर में रहता था। छुटकन और भौनू का बिहार में पैतृक संपत्ति पर विवाद था। इसे लेकर दोनों में झगड़ा भी हुआ था। इसके बाद छुटकन अपने परिवार संग दूसरे मकान में रहने लगा था।

एसएसपी के अनुसार छुटकन की तलाश शुरू हुई तो पता चला कि वह अधोईवाला देहरादून में परिवार के साथ रह रहा है। देहरादून पहुंचकर छुटकन साहनी से पूछताछ की गयी तो उसने घटना की सही जानकारी नहीं दी वह पुलिस को गुमराह करने लगा। लेकिन एक दिन पहले वह रुद्रपुर आया तो पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की। इस दौरान उसने भौनू की हत्या की बात कबूल की। उसे गिरफ्तार कर लिया गया। मुकदमा नये सिरे से लिखा जा रहा है।

डीआईजी ने 20 हजार और एसएसपी ने 15 हजार की घोषणा की
11 साल बाद इस सनसनीखेज मामले का खुलासा करने पर डीआईजी नीलेश आनंद भरणे ने पुलिस टीम को बीस हजार और एसएसपी ने 15 हजार का इनाम देने की घोषणा की है। खुलासा करने वाली टीम में कोतवाल विक्रम राठौर, एसएसआई सतीश चन्द्र कापड़ी, उपनिरीक्षक व विवेचक संदीप शर्मा, कांस्टेबल कैलाश परिहार, विशाल रावत, शैलेन्द्र सुयाल आदि शामिल थे।

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