सात फरवरी से मिशन इंद्रधनुष चलाने की तैयारी

रुडकी।  कोरोनाकाल के दौरान टीकाकरण से वंचित दो साल तक की उम्र वाले नवजात शिशुओं को स्वास्थ्य विभाग अब विशेष अभियान चलाकर छूटे हुए टीके लगाएगा। इसके लिए 7 फरवरी से मिशन इंद्रधनुष शुरू किया जा रहा है। फिलहाल आशाएं टीकाकरण से वंचित बच्चों के अलावा गर्भवती व धात्रियों की सूची बना रही है।
सरकारी अस्पतालों में गर्भवती, धात्री (प्रसव होने के बाद की स्थिति) महिलाओं व नवजात शिशुओं को निशुल्क जरूरी टीके लगाए जाते हैं। इसके पीछे सरकार की मंशा जच्चा, बच्चा की मृत्यु दर घटाना है। गांव में तैनात आशाओं की प्रमुख जिम्मेदारी ही टीकाकरण है। करीब दो साल से कोरोना के कारण कई जगह गर्भवती, धात्री महिलाओं और बच्चों के टीके छूटने की शिकायत आ रही थी। इसे देखते हुए विभाग ने छूटे हुए टीके लगाने के लिए मिशन इंद्रधनुष चलाने का निर्णय लिया है। लक्सर सीएचसी के बीपीएम आशीष शर्मा ने बताया कि फिलहाल आशाएं हर गांव में घर घर जाकर टीकाकरण से वंचित बच्चों व महिलासओं के बारे में सर्वे कर रही हैं। सर्वे की रिपोर्ट 28 जनवरी तक विभाग के पास पहुंच जाएगी। इसी रिपोर्ट के आधार पर कैंप लगाकर बच्चों व महिलाओं का टीकाकरण किया जाएगा।

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