Skip to content

RNS INDIA NEWS

आपकी विश्वसनीय समाचार सेवा

Primary Menu
  • मुखपृष्ठ
  • अंतरराष्ट्रीय
  • राष्ट्रीय
  • राज्य
    • उत्तराखंड
      • अल्मोड़ा
      • उत्तरकाशी
      • ऊधम सिंह नगर
      • बागेश्वर
      • चम्पावत
      • नैनीताल
      • पिथौरागढ़
      • चमोली
      • देहरादून
      • पौड़ी
      • टिहरी
      • रुद्रप्रयाग
      • हरिद्वार
    • अरुणाचल
    • आंध्र प्रदेश
    • उत्तर प्रदेश
    • गुजरात
    • छत्तीसगढ़
    • हिमाचल प्रदेश
      • शिमला
      • सोलन
    • दिल्ली
    • बिहार
    • मध्य प्रदेश
    • मणिपुर
    • राजस्थान
    • त्रिपुरा
  • अर्थ जगत
    • बाजार
  • खेल
  • विविध
    • संस्कृति
    • न्यायालय
    • रहन-सहन
    • मनोरंजन
      • बॉलीवुड
  • Contact Us
  • About Us
  • PRIVACY POLICY
Light/Dark Button
Watch
  • Home
  • राष्ट्रीय
  • रामविलास पासवान की विरासत लोजपा का विभाजन
  • राष्ट्रीय

रामविलास पासवान की विरासत लोजपा का विभाजन

RNS INDIA NEWS 05/10/2021
default featured image

चुनाव आयोग ने चुनाव चिह्न और नाम भी बदले

नई दिल्ली (आरएनएस)। दलित राजनीति के बड़े चेहरे रहे रामविलास पासवान की विरासत उनके निधन के एक साल के बाद ही बंट गई है। चुनाव आयोग ने लोकजनशक्ति पार्टी के दोनों धड़ों को अलग-अलग पार्टी के तौर पर मंजूरी दे दी है।
सूत्रों के अनुसार अब पुराना नाम और चुनाव चिह्न भी खत्म कर दिया है। अब चिराग पासवान की लीडरशिप वाले धड़े का नाम लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) होगा। इस दल को हेलिकॉप्टर चुनाव चिह्न आवंटित दिया गया है। इसके अलावा उनके चाचा और रामविलास पासवान के सगे भाई पशुपति कुमार पारस की पार्टी का नाम राष्ट्रीय लोकजनशक्ति पार्टी होगा। इस दल को सिलाई मशीन चुनाव चिह्न दिया गया है। चुनाव आयोग की ओर से जारी लेटर में बताया गया है कि चिराग पासवान की पार्टी का नाम अब लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) होगा। इसके अलावा उनकी पार्टी को चुनाव चिह्न के तौर पर हेलिकॉप्टर दिया गया है। वहीं उनके चाचा की पार्टी का नाम राष्ट्रीय लोकजनशक्ति पार्टी रख दिया गया है। उन्हें सिलाई मशीन चुनाव चिह्न आवंटित किया गया है। इसके साथ ही दोनों गुटों के बीच पार्टी को लेकर दावे की लड़ाई अब खत्म होती दिख रही है। हालांकि चिराग पासवान की पार्टी के नाम रामविलास जुड़ गया है, जिससे उन्हें चुनावी समर में पिता की विरासत के आधार पर वोट मांगने में मदद मिल सकती है।
गौरतलब है कि रामविलास पासवान के निधन के बाद से ही उनके बेटे चिराग और भाई पशुपति पारस के बीच मतभेद उभर आए थे। यही नहीं लोजपा ने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ा था और एक भी सीट नहीं मिल पाई थी। इसके बाद पार्टी में मतभेद गहरे होते चले गए। पशुपति कुमार पारस के गुट ने चिराग को राष्ट्रीय अध्यक्ष और संसदीय दल के नेता के पद से ही हटा दिया था। तब से ही दोनों गुट पार्टी पर अपना-अपना दावा कर रहे थे। यह लड़ाई चुनाव आयोग तक भी पहुंची थी, जिसने अब यह फैसला दिया है। उम्मीद की जा रही है कि पार्टी पर दावेदारी को लेकर दोनों दलों के बीच लंबे समय से चल रहा विवाद अब खत्म हो सकेगा।

शेयर करें..

Post navigation

Previous: रेप केस में महिला अफसर का नहीं हुआ टू-फिंगर टेस्ट : वायुसेना प्रमुख
Next: सुप्रीम कोर्ट पहुंचा लखीमपुर मामला

Related Post

default featured image
  • राष्ट्रीय

दिल दहला देने वाली वारदात, पत्नी ने प्रेमी संग मिलकर की पति की हत्या, घर में किए शव के टुकड़े

RNS INDIA NEWS 22/12/2025 0
default featured image
  • राष्ट्रीय

पूर्व अग्निवीरों को नव वर्ष पर तोहफा, बीएसएफ में कांस्टेबल भर्ती में 50 प्रतिशत आरक्षण; नोटिफिकेशन जारी

RNS INDIA NEWS 22/12/2025 0
default featured image
  • राष्ट्रीय

रक्षा मंत्रालय में तैनात लेफ्टिनेंट कर्नल रिश्वत लेते गिरफ्तार, 2.36 करोड़ किए गए जब्त, पत्नी भी शामिल

RNS INDIA NEWS 21/12/2025 0

Your browser does not support the video tag.

यहाँ खोजें

Quick Links

  • About Us
  • Contact Us
  • PRIVACY POLICY

ताजा खबर

  • राशिफल 25 दिसंबर
  • पुलिस अभिरक्षा में गैंगस्टर विनय त्यागी को लक्सर में मारी गोली
  • इन्द्रमणी बडोनी के शताब्दी जन्मदिवस पर कार्यक्रम आयोजित
  • बीस सूत्रीय कार्यक्रम की समीक्षा बैठक में लक्ष्यों की शत-प्रतिशत पूर्ति पर जोर
  • गन्ने की पर्चियां समय से नहीं मिलने पर किसान नाराज
  • जड़ी-बूटी उत्तराखण्ड की यूएसपी, जड़ी-बूटी को प्रदेश की आर्थिकी से जोड़े जाने की आवश्यकता : मुख्य सचिव

Copyright © rnsindianews.com | MoreNews by AF themes.