परिवार के 6 लोगों को दो सप्ताह में चुन-चुन कर मारा

हैदराबाद। कहते हैं मुसीबत में दोस्त ही काम आता है। लेकिन जब वही दोस्त जान का दुश्मन बन जाए तो क्या कहेंगे? कुछ ऐसा ही हुआ तेलंगाना के एक शख्स के साथ। परेशानी में पड़ने पर उसने अपने दोस्त पर भरोसा किया। लेकिन दोस्त के ऊपर लालच का ऐसा भूत सवार हुआ कि उसने न सिर्फ उस युवक को, बल्कि एक-एक कर उसके परिवार के छह सदस्यों को मौत के घाट उतार दिया। पढ़िए पैसे और प्रॉपर्टी के लालच में अंजाम दी गई सिलसिलेवार हत्याओं की ऐसी दास्तान, जो आपके रोंगटे खड़े कर देगी। दिलचस्प यह है कि इस कहानी की शुरुआत एक हत्या के मामले से ही हुई थी और अंत छह लोगों के खात्मे के साथ हुआ।
मौत के केस से शुरुआत
यह खौफनाक दास्तान है तेलंगाना के कामारेड्डी जिले की। यहां के मकलूर नाम के गांव में पुणे प्रसाद और मेडिधा प्रशांत नाम के दो दोस्त थे। साल 2018 में प्रसाद के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया। मामला महिला का पीछा करने और आत्महत्या के लिए उकसाने का था। एसपी सिंधु शर्मा के मुताबिक हालांकि केस दर्ज होने से पहले प्रसाद नौकरी की तलाश में दुबई जा चुका था। वहां से उसने अपने दोस्त प्रशांत को 3.50 लाख रुपए भेजे ताकि वह प्रसाद के खिलाफ चल रहे केस की पैरवी कर सके। अक्टूबर 2022 में जब प्रसाद वापस लौटा तो पुलिस ने उसे गिरफ्तार करके ज्यूडिशियल रिमांड पर भेज दिया। कुछ दिनों के बाद प्रसाद जमानत पर बाहर लौटा और अपने परिवार के सदस्यों, मां, पत्नी, दो बच्चों और दो बहनों के साथ मकलूर को छोड़कर पलवांचा गांव में चला गया।
पैसे और प्रॉपर्टी का लालच
इस बीच प्रसाद ने प्रशांत से अपने पैसे लौटाने की बात कही, उसे केवल आश्वासन ही मिलता रहा। इस बीच प्रसाद की आर्थिक परेशानियां बढ़ गईं। उसने अपना मकलूर गांव का घर 25 लाख रुपए में मॉर्गेज करना चाहा। एसपी ने बताया कि प्रसाद न तो घर मॉर्गेज कर सका और न ही इसे बेच सका। इसकी वजह बना उसके खिलाफ चल रहा मुकदमा। प्रशांत के आर्थिक हालात का फायदा उठाते हुए प्रशांत ने कहा कि उसका घर बिकवाने में मदद देने की बात कही। इसके बाद मई 2023 में उसने प्रसाद का घर जनरल पावर अटॉर्नी के बल परअपने नाम ट्रांसफर करा लिया, लेकिन उसे कोई पैसा नहीं दिया। एसपी सिंधु शर्मा के मुताबिक जब प्रसाद ने पैसे के लिए दबाव बनाना शुरू किया तो प्रशांत ने उसको रास्ते से हटाने की साजिश रचनी शुरू कर दी। ऐसा करके प्रशांत अपने दोस्त की संपत्ति हड़प लेना चाहता था। उसने इस साजिश में अपने दोस्तों बनोथू वम्सी और गुगोलोथू विष्णु को भी शामिल कर लिया। मदद के बदले इन्हें 60 हजार रुपए देने की बात भी कही।
हत्याओं का सिलसिला
29 नवंबर को प्रशांत और उसके दोनों दोस्त किराए की कार से प्रसाद को मदनपल्ली जिले के जंगलों में ले गए। यहां पर इन लोगों ने प्रसाद का सिर लकड़ियों और पत्थरों से कूंचकर हत्या कर दी। इसके बाद उसकी लाश को घने जंगल में ठिकाने लगा दिया। इसके बाद एक दिसंबर को प्रशांत अपने दोस्त के घर पहुंचा। उसने दोस्त की पत्नी सान्विका और बहन श्रावणी को कार में बिठाकर निजामाबाद ले गए। इन लोगों ने सान्विका को निजामाबाद कस्बे में एक जगह रख दिया और श्रावणी को गोदावरी नदी के किनारे ले जाकर रस्सी से गला कसकर मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद उसकी लाश को नदी में बहा दिया।
किसी को नहीं छोड़ा
एसपी शर्मा ने बताया कि इसके बाद आरोपी फिर निजामाबाद कस्बे में लौटे। इन लोगों ने यहां से सान्विका को उठाया और चेगुंता ब्लॉक के वैदियाराम गांव की तरफ लेकर चले गए। सान्विका की भी उसी अंदाज में हत्या कर दी गई और निजामाबाद-नागपुर हाइवे पर उसकी बॉडी जला दी गई। अगले दिन प्रशांत फिर पलवांचा गांव लौटा और प्रसाद के बाकी फैमिली मेंबर्स-मां सुशीला, बहन स्वप्ना और दोनों बच्चों चैत्रिका और चैत्रिक को एक निजामाबाद के एक निजी होटल में ले गए। चार दिसंबर को प्रशांत अपने छोटे भाई के साथ यहां आया और प्रसाद के दोनों बच्चों को लेकर गोदावरी नदी पर बने सोन ब्रिज पर गया। यहां पर दोनों का गला घोंटकर हत्या कर दी गई। इसके बाद इनका शरीर एक बैग में रखकर नदी में डाल दिया गया।
देते रहे झूठा आश्वासन
एसपी ने बताया कि इसके बाद प्रशांत फिर होटल लौटा और प्रसाद की मां और बहन स्वप्ना से बताया कि परिवार के सभी लोग एक दूसरे गांव में पूरी तरह से सुरक्षित हैं। उसने वादा किया कि अगले दिन वह उन लोगों से मिलवाने ले जाएंगे। इतना ही नहीं, प्रशांत की मां वडम्मा भी होटल में उन्हें कंपनी देने के लिए रुकी रही। 13 दिसंबर को प्रशांत और उसके अन्य सहयोगी स्वप्ना को कार में लेकर कामारेड्डी गांव के भूमपल्ली गांव में गए। यहां पर उसकी भी रस्सी से गला कसकर हत्या कर दी गई और लाश को सड़क के किनारे जला दिया गया।
ऐसे खुला मामला
14 दिसंबर की अलसुबह स्थानीय लोगों ने कामारेड्डी पुलिस को अनजान महिला का शव जलने की सूचना दी। इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। एसपी शर्मा ने बताया कि शव की पहचान और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए स्पेशल टीम गठित की गई। इसी बीच प्रशांत ने प्रसाद की मां सुशीला को मारने की भी योजना बनाई। प्रशांत का प्लान था कि इस महिला को खत्म करके वह केस से जुड़ी हर चीज को मिटा देना चाहता था। इसके साथ ही परिवार की पूरी संपत्ति पर उसका कब्जा हो जाता। लेकिन लगातार अपनों से दूर होती सुशीला को शक हो गया था।
और अपराधी चढ़े हत्थे
मौके का फायदा उठाकर वह सोमवार रात होटल से भाग निकली। मंगलवार सुबह प्रशांत और उसके साथी सुशीला की तलाश में निकल पड़े। इसी दौरान गांधारी चौराहे पर स्वप्ना की मौत की जांच में जुटी पुलिस से उनका आमना-सामना हो गया। पूछताछ में प्रशांत व अन्य ने अपना जुर्म कूबूल कर लिया। एसपी ने बताया कि हमने आरोपियों के पास से एक कार, बाइक, रजिस्ट्री के कागजात, 30 हजार कैश, पेट्रोल के दो कैन और एक रस्सी भी बरामद की है।