प्रदेश सरकार से संतों को बेघर होने से बचाने की मांग

ऋषिकेश। राजस्व विभाग पर स्वर्गाश्रम क्षेत्र में रह रहे संतों को बेघर करने का आरोप लगाते हुए अखिल भारतीय संत समिति ने नाराजगी जताई है। मामले में प्रदेश सरकार से संतों को बेघर होने से बचाने की मांग की है। सकारात्मक कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। रविवार को मायाकुंड स्थित कृष्ण कुंज आश्रम में अखिल भारतीय संत समिति की बैठक में महामंडलेश्वर दयाराम दास महाराज ने कहा कि सरकार बेघरों को घर देने की बात करती है, वहीं राजस्व विभाग दशकों से स्वर्गाश्रम क्षेत्र में निवासरत संतों को बेघर करने का प्रयास कर रहा है। समिति के अध्यक्ष स्वामी गोपालाचार्य ने कहा कि स्वर्गाश्रम क्षेत्र संपत्ति सरकार की है और सरकार की ही रहेगी। लेकिन जो संत गंगा किनारे साधना करने के उद्देश्य से 50 वर्षों से रह रहे हैं, उनको बेघर करना भी अनैतिकता का कार्य है। तुलसी मानस मंदिर के महंत रवि प्रपन्नाचार्य ने कहा कि संत समाज का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि संत नहीं रहेंगे, तो उत्तराखंड अपनी धार्मिक पहचान को खो देगा।
बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित हुआ कि संतों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलेगा। बैठक के बाद संत समाज ने यमकेश्वर विधायक रेणु बिष्ट को ज्ञापन भी सौंपा। मौके पर स्वामी राम चैतन्य, स्वामी श्यामानंद स्वरूप, स्वामी सुबोधानंद, स्वामी ज्ञानेंद्र गिरी, ब्रह्मचारी एकनाथ, मौनी कोतवाल, महावीर दास, महंत चक्रपाणि, महंत अमरदास, महंत रामप्रपन्नाचार्य, केशव दास आदि मौजूद रहे।


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