पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा राज्य आंदोलनकारियों और महिला आरक्षण पर विस सत्र बुलाए सरकार

देहरादून। पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि सरकारी सेवाओं में राज्य की महिलाओं और राज्य निर्माण आंदोलनकारियों के लिए आरक्षण विधेयक पारित करने के लिए विधानसभा का सत्र बुलाया जाए। रावत ने कहा कि दोनों विधेयकों को मूल रूप में ही विधानसभा से पारित कराते हुए राजभवन भेजा जाए। मंगलवार को रावत ने सोशल मीडिया पर संवाद करते हुए अपने मन की बात साझा की। उन्होंने कहा कि हाल में राजभवन ने राज्य आंदोलकारी आरक्षण बिल को वापस किया है। इस बिल को मूल रूप में दोबारा भेजा जाए तो राजभवन को उसे स्वीकार करना होगा। यदि जरा भी संसाधन होता है तो उसे नया मान लिया जाएगा। ऐसे में राजभवन में फिर से तकनीकी पेंच लग सकता है। ऐसा न हो कि संसोधन के नाम पर कोई गलती हो जाए। रावत ने कहा कि महिला आरक्षण की व्यवस्था पर अदालत ने रोक लगा दी है। इसका हल यही है कि सरकार इसे कानून का रूप दे। सरकार को चाहिए कि विधानसभा का सत्र बुलाकर तत्काल दोनों आरक्षण विषयों पर बिल पारित कराए। रावत ने नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य की महिला आरक्षण बिल पर रुख की तारीफ की। उन्होंने कहा कि आर्य ने भी सरकार से इस बाबत मांग की है। साथ ही यह भी कहा कि यदि सरकार इसे नहीं लाती तो कांग्रेस प्राइवेट बिल की तरह इसे विस में लाएगी।

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