पिरूल से ग्रामीण आर्थिकी कर रहे मजबूत

पौड़ी(आरएनएस)।  हंस फाउंडेशन द्वारा संचालित वनाग्नि शमन एवं रोकथाम परियोजना के तहत चयनित वॉलिंटियर फायर फाइटरो की हंस बन अग्नि प्रबंधन समिति व समिति सदस्यों द्वारा पिरूल की पत्तियां एकत्रीकरण का कार्य किया जा रहा है। जिसमें ग्रामीणों को रोजगार के अवसर प्राप्त हो रहा है। साथ ही जंगलों अतिरिक्त फ्यूल को भी कम किया जा रहा है। इससे वन अग्नि प्रबंधन व रोकथाम पर भी नियंत्रण के साथ ही ग्रामवासियों की आजीविका में भी सुधार हो रहा है। वर्तमान में जयहरीखाल ब्लाक के ग्राम पल्लीगंव, पालकोट, ओड़ल, खुडोली, कोटा मल्ला, काण्डई, चिनवारी, टासिला, पोखरी आदि ग्रामीण समिति सदस्यों द्वारा पिरूल एकत्रीकरण का काम किया जा रहा है। जिसके तहत वर्तमान तक लगभग 40 टन पिरुल का एकत्रीकरण कर डंपिंग क्षेत्र कांडई और दर्था में भंडारण किया जा रहा है। क्षेत्र में महिलाओं द्वारा पिरूल एकत्रीकरण कार्य को लेकर बड़ा उत्साह देखने को मिल रहा है। आजीविका संवर्धन के साथ -साथ वनाग्नि न्यूनीकरण में यह पहल अहम कड़ी साबित हो रही है। हंस फाउंडेशन के परियोजना प्रबंधक नागेन्द्र तंगवान द्वारा महिला को बताया गया कि उत्तराखंड सरकार के द्वारा पिरूल लाओ पैसे पाओ योजना चलाई गई है। जिसके तहत महिलाओं के आजीविका को सुदृढ बनाने और इसको रोजगार से जोड़ने मे अहम भूमिका निभा रहे हैं। इससे महिलाओं की आजीविका मे भी सुधार हो रहा है साथ ही महिलाओं ने घर के कामों की जिम्मेदारी के साथ वनो को बचाने के लिए बहुत बड़ी जिम्मेदारी ली है और अहम भूमिका निभा रहे है। ब्लॉक कोऑर्डिनेटर संजय बजवाल ने कहा कि सभी लोगो को वनो के प्रति सोच बदलने की बहुत ज़्यादा जरूरत है, वन सिर्फ पिकनिक मनाने के लिए हि नही दैनिक जरूरतों के साथ साथ आजीविका और हमारी धरोहर भी हैं इसको बचाना हम सब की जिम्मेदारी है।

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