पेयजल को राजकीय विभाग बनाने पर हो जल्द फैसला
देहरादून(आरएनएस)। उत्तराखंड जल संस्थान कर्मचारी संघ के अधिवेशन में पेयजल को राजकीय विभाग बनाए जाने की मांग की गई। शासन और मैनेजमेंट को पूर्व में किए गए समझौते याद दिलाते हुए उन्हें पूरा किए जाने का दबाव बनाया गया। हाईकोर्ट के 1996 से सेवा लाभ दिए जाने के आदेश का पालन न किए जाने पर सख्त नाराजगी भी जताई गई। संघ के संरक्षक गजेंद्र कपिल ने कहा कि पेयजल के राजकीयकरण की लंबे समय से लड़ाई लड़ी जा रही है। इसी लड़ाई के चलते शासन स्तर पर तमाम प्रयास किए गए, लेकिन हर बार ये प्रयास विफल रहे। इस बार हर हाल में पेयजल के राजकीयकरण की लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाया जाएगा। कहा कि मैनेजमेंट को हाईकोर्ट डबल बेंच के 1996 से कर्मचारियों को सेवा लाभ दिए जाने का आदेश भी लागू करना है। जो अभी तक नहीं किया गया है। इससे कर्मचारियों, पेंशनर्स को वित्तीय नुकसान हो रहा है। प्रदेश अध्यक्ष गिरीश चंद्र जोशी ने विभागीय ढांचा संशोधित कर कर्मचारियों की संख्या कम किए जाने का विरोध किया। कहा कि सिर्फ इंजीनियरों के ही पद बढ़ाए गए हैं। ढांचा संशोधित कर कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जाए। विभागीय कार्यों में एसओपी का पालन करते हुए सुरक्षा सुनिश्चित कराई जाए। आवश्यक भत्ता मंजूर कराया जाए। राशिकरण की सुविधा को शुरू कराया जाए। महामंत्री नंदलाल जोशी ने कहा कि किसी भी कर्मचारी के दुर्घटनाग्रस्त होने या मृत्यु होने पर तत्काल अनुग्रह राशि दी जाए। वेतन विसंगति दूर की जाए। पदोन्नति के पदों को बढ़ाया जाए। सम्मेलन में राज्य निगम कर्मचारी महासंघ अध्यक्ष सूर्यप्रकाश राणाकोटी, संतोष रावत, प्रवीन रावत, गुरमीत सिंह, ललित मोहन शर्मा, अजयकांत, रविनंदन, अरविंद पयाल, रमेश नेगी, पूरन चंद्र तिवाड़ी, विनोद वर्मा, दीनदयाल बलोनी, फतेह सिंह, अशोक शर्मा, दलीप सिंह मौजूद रहे।
निगमों के साथ बंद हो भेदभाव: राज्य निगम कर्मचारी महासंघ अध्यक्ष सूर्यप्रकाश राणाकोटी ने कहा कि निगमों, निकायों, पंचायतों, स्वायत्तशासी संस्थाओं के साथ भेदभाव बंद किया जाए। सरकार जो लाभ राज्य कर्मियों को उपलब्ध कराती है, उसका तत्काल लाभ निगम कर्मियों को सुनिश्चित कराया जाए। निगमों के कर्मियों को अलग से आदेश कराने को परेशान न होना पड़े। इस व्यवस्था को हर हाल में सुनिश्चित कराने को मुहिम छेड़ी जाएगी।
नई कार्यकारिणी का हुआ गठन : अधिवेशन में नई कार्यकारिणी का भी गठन किया गया। संरक्षक गजेंद्र कपिल, अध्यक्ष गिरीश चंद्र जोशी, महामंत्री नंद लाल जोशी, उपाध्यक्ष सचिन शाह, विनीत शर्मा, कोषाध्यक्ष अमजद खान, संगठन मंत्री अजय शर्मा, रमाकांत यादव, संयुक्त मंत्री अमित जोशी, राजाराम चेता, प्रचार मंत्री महादेव सिंह नेगी, चेतन कपिल, कार्यालय मंत्री रोशन उनियाल, रमेश बहादुर चुने गए।