पौष पूर्णिमा के स्नान के साथ महाकुंभ का शुभारंभ, लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी; संगम पर भारी भीड़

प्रयागराज (आरएनएस)।  प्रयागराज के पावन संगम तट पर महाकुंभ 2025 का प्रथम स्नान पर्व पौष पूर्णिमा सोमवार सूर्य की किरणें फूटने से पहले ब्रम्ह मुहूर्त में शुरू हो गया। आधी रात से ही श्रद्धालु मेला क्षेत्र में विभिन्न रास्तों से प्रवेश करने लगे और संगम पर भीड़ बढऩे लगी। हर-हर गंगे और जय गंगा मैया के घोष के बीच स्नान शुरू हुआ तो सुबह का उजाला होते होते संगम नोज स्नानार्थियों से पट गया। संगम क्षेत्र में सोमवार से ही माह भर का कल्पवास भी प्रारंभ हो गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक्स पर पोस्ट कर पौष पूर्णिमा की बधाई दी।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा, विश्व के विशालतम आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक समागम ‘महाकुम्भ’ का आज से तीर्थराज प्रयागराज में शुभारंभ हो रहा है। अनेकता में एकता की अनुभूति के लिए, आस्था एवं आधुनिकता के संगम में साधना एवं पवित्र स्नान के लिए पधारे सभी पूज्य सन्तों, कल्पवासियों, श्रद्धालुओं का हार्दिक स्वागत है। माँ गंगा आप सभी की मनोकामना पूर्ण करें। महाकुंभ प्रयागराज के शुभारंभ एवं प्रथम स्नान की मंगलमय शुभकामनाएं। सनातन गर्व-महाकुम्भ पर्व।
स्थानीय और दूर दराज के जिलों से आये लोगों ने पुण्य की डुबकी लगाई। इस बीच पुलिस और सिविल डिफेंस के वॉलंटियर सीटियां बजाते लोगों को नियंत्रित करते रहे। स्नान के दौरान किसी को परेशानी न हो इसलिये टोलियों में फैल कर घाट पर भीड़ का संतुलन बनाये रहे। घाट पर लगे लाउडस्पीकर और हैंड लाऊडर से भी भीड़ को नियंत्रित करने का क्रम चलता रहा।
संगम समेत अन्य स्नान घाटों पर सुबह 7 बजे तक भीड़ बढ़ गई। तब तक करीब 4 लाख लोगों के स्नान कर लेने का अनुमान प्रशासनिक स्तर पर लगाया गया। हालांकि, कोहरे से आज राहत रही, शीतलहर भी कम ही चली। इस बीच आसमान साफ रहा। संगम पर पौष पूर्णिमा के स्नान और महाकुंभ की गम्भीरता को देखते हुए तमाम पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी निगरानी करते रहे।
पौष पूर्णिमा स्नान पर्व पर लाखों लोगों ने त्रिवेणी तट पर डुबकी लगाई। हर-हर गंगे के स्वर से संगम का विहंगम तट गुंजायमान हो उठा। इसी के साथ बहुप्रतीक्षित महाकुंभ का शुभारंभ भी हो गया । यूं तो सोमवार भोर 4:32 से स्नान का शुभ मुहूर्त था, लेकिन देश-देशांतर से आए श्रद्धालु आधी रात से ही स्नान करने लगे थे और यह कम जारी है ।अब तक लाखों लोग स्नान कर चुके हैं और सारे घाट श्रद्धालुओं से भरे हुए हैं।


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