पर्यावरण पेड़-पौधे बचाने की मुहीम में जुटे द्वाराहाट के सामाजिक कार्यकर्ता एवं युवा कवि मनोज जोशी

द्वाराहाट: मन में हो संकल्प तो यह मायने नही रखता कि हम कहां पर क्या करें। जहां पर रहें, वहीं अपने संकल्पित मिशन को आगे बढ़ाने में लोगों के सहयोग से कर सकते हैं। बात पर्यावरण की हो तो पृथ्वी के किसी भी भाग में पौधे लगाकर उसे संरक्षण का संकल्प लेकर हम इसे हरा-भरा रख सकते हैं।
द्वाराहाट विकास खंड, ग्राम बाड़ी बनोली के सामाजिक कार्यकर्ता एवं युवा कवि मनोज जोशी का हमेशा से पेड़-पौधों से लगाव रहा है। पेड़-पौधों की हरियाली उन्हें बहुत पसंद है। इसलिए बचपन से ही पेड़-पौधों को लगा रहे हैं। घर के आस-पास खाली पड़ी भूमि पर पेड़-पौधों को लगाकर उनकी सुरक्षा करते हैं। इसी के साथ युवा कवि मनोज जोशी ने हम सभी उत्तराखंडवासी मिलजुलकर पहाड़ बचायेंगे पर एक स्वंरचित एक गीत गाया है, जो इस प्रकार है।

ओ ददा ओ भुला, पहाड़ बसौला।
मिलीबेरा हम सब, विकास करुला।
पेड़ हम लगोला, बचौला नौला धारा ।
छै जाली हरियाली, पाणी होला गद्यारा।
नई रंग नई,उमंग हम ल्योला।
जल जंगल जमीन कैं, मिलि बेरा बचौला।
ओ ददा ओ भुला पहाड़ बसौला।
मिलीबेरा हम सब विकास करुला।
जो पिछनी छूट गई, उनुके आघिल ल्योला।
मिलीबेर हम सब विकास करूला।

इस गीत का अर्थ है कि हम सभी उत्तराखंडवासी मिलजुलकर पहाड़ बचायेंगे।
पेड़ हम लगाएंगे और नौले धारे बचायेंगे, जिससे हरियाली होगी और नदियों में जल स्तर बढ़ेगा
नई रंग नई उमंग के साथ जल, जंगल, जमीन को बचाएंगे जो पीछे छूट चुके हैं समाज में उनको आगे लाएंगे। पहाड़ बचाने का संदेश इस गाने के माध्यम से दिया गया है।

(रिपोर्ट : मनीष नेगी, द्वाराहाट)


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