पानी को लेकर गांवों से पलायन, इससे बड़ा दुर्भाग्य उत्तराखंड का नहीं: अमित जोशी, प्रदेश उपाध्यक्ष आप
अल्मोड़ा। उत्तराखंड सरकार के वायदे कितने झूठे हैं ये प्रदेश की जनता से छिपे नहीं है। एक ओर तो राज्य सरकार एक रुपये में प्रदेशवासियों को पानी का कनेक्शन देनी की बात करती है,लेकिन आखिर हकीकत में कितने घरों पर पानी पहुंच पाया है, ये सरकार को भी नहीं मालूम। हर घर नल,हर घर जल की बात सरकार करती है, लेकिन क्या वाकई में ऐसा हो रहा है। आप प्रदेश उपाध्यक्ष अमित जोशी ने एक यह बयान जारी करते हुए कहा कि, उत्तराखंड का इससे बड़ा दुर्भाग्य नहीं हो सकता कि यहां के लोगों को मूलभूत जीवन के लिए सबसे जरूरी पानी के लिए अपने वर्षों पुराने गांवों से पलायन को मजबूर हो रहे हैं। आज सरकार का झूठ सबके सामने आ चुका है। सरकार के निकम्मेपन के कारण ,आज सिर्फ पानी के लिए रानीखेत तहसील के चापड़ गांव के तोक अनुसूचित जाति बस्ती के 35 परिवारों ने पलायन कर दिया और शेष बचे 12 परिवार भी जल्द पलायन करने का पूरा मन बना चुका है। अल्मोड़ा जिले के 2139 गांवों में पानी का संकट आज भी बना हुआ है। लेकिन तब भी सरकार को इनसे कोई सरोकार नहीं है। बेतालघाट में रहेली पेयजल योजना से चापड़ गांव के लिए पानी की सप्लाई की जाती है लेकिन बड़े दुर्भाग्य की बात है कि इस पेयजल योजना के बावजूद भी अनुसूचित बस्ती वंचित है। यहां के लोगों को 3 किमी दूर कुरुटी गधेरे से पानी भरना पड़ता है, लेकिन अब लोग सरकार की अनदेखी से इतने परेशान हो गए हैं कि अब यहां के लोगों ने यहां से पलायन करना ही मुनासिब समझा है। आप उपाध्यक्ष ने का कि ये कहानी तो दूरस्थ गांवों की है, लेकिन जिला मुख्यालय से सटे लगभग 300 गांव और नगर के लिए कोसी पंपिंग योजना से पानी की आपूर्ति की जाती है लेकिन ये आपूर्ति भी पूरी नहीं हो पा रही है। 16 एमएलडी पानी की जगह 8 से 9 एमएलडी पानी की सप्लाई हो पा रहा है। ऐसे में लोग पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं। ये सरकार का निकम्मापन ही है कि एक ओर तो पलायन रोकने की बात की जाती है, लेकिन सरकार के पास ऐसी कोई भी नीति नहीं है, जिसके तहत सरकार पलायन रोक सके। पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं आज सरकार जनता को नहीं दे पा रही है। नए कनेक्शन देने पर भी अगले वर्ष मार्च तक रोक लगा दी गई है, जिससे सरकार का जनता के प्रति व्यवहार साफ नजर आता है। उन्होंने ये भी कहा कि नदियों का प्रदेश होने के बाद भी हमारे प्रदेश में लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है वहीं दिल्ली में आप सरकार बिजली पानी मुफ्त दे रही है। इस सरकार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से सीख लेनी चाहिए कि सिर्फ मीडिया के सामने बोलने से समस्याओं का समाधान नहीं होता बल्कि धरातल पर काम करने से समाधान होता है। सरकार के इस निकम्मेपन को जनता समझ चुकी है और आगामी चुनाव में जनता ही इस सरकार को जवाब देगी।