निलंबित फर्जी मास्साब का स्थाई पता भी फर्जी निकला

फर्जी प्रमाणपत्र, डिग्री के जरिए पाई थी नियुक्ति

टिहरी जिले के कीर्तिनगर ब्लाक के जीआईसी राड़ागाड़ में फर्जी प्रमाण पत्रों से नौकरी पाने वाले निलंबित शिक्षक का स्थाई पता भी फर्जी पाया गया है। अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा गढ़वाल मंडल ने बताया कि विभाग को शिक्षक द्वारा दिए गए पते पर उस नाम का कोई व्यक्ति नहीं मिला। शिक्षक के ओबीसी प्रमाण पत्र में भी वहीं पता दर्ज है। उन्होंने बताया कि ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुडक़ी को पत्र भेजकर निलंबित शिक्षक के स्थाई पते व ओबीसी प्रमाण पत्र के सत्यापन की मांग की है। टिहरी जिले के कीर्तिनगर ब्लाक स्थित जीआईसी राड़ागाड़ में सहायक अध्यापक के पद पर उपेंद्र सिंह सेवारत थे। एसआईटी की जांच में शिक्षक उपेंद्र के बीए व एमए के अंक पत्र व डिग्री फर्जी पाए गए थे। जिस पर शिक्षक को 25 जनवरी 2020 को निलंबित किया गया था। बताया कि मार्च 2008 को अंग्रेजी सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्त शिक्षक ने स्वयं का स्थाई पता ग्राम लिब्बरहेड़ी, परगना मंगलौर, जिला हरिद्वार बताया है। बताया कि उक्त शिक्षक 10 जुलाई 2020 को एडी कार्यालय पहुंचा था। जिस पर उक्त शिक्षक को 17 जुलाई को अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया गया था। शिक्षक ने एक माह का समय मांगा, लेकिन वह अगस्त 2020 को भी निर्धारित तिथि पर नहीं पहुंचा। विभाग ने कारण बताओ नोटिस भेजा, उन्होंने नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया। अपर निदेशक गढ़वाल मंडल ने बीईओ नारसन हरिद्वार को शिक्षक के पते पर नोटिस थमाने के निर्देश दिए। लेकिन बीईओ के गांव पहुंचने पर ग्राम प्रधान ने बताया कि यहां इस नाम का कोई व्यक्ति नहीं रहता है। जबकि शिक्षक ने विभाग को ग्राम लिब्बरहेड़ी का स्थाई प्रमाण पत्र व ओबीसी प्रमाण पत्र प्रदान किया है। अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा गढ़वाल मंडल महावीर सिंह बिष्ट ने बताया कि निलंबित शिक्षक द्वारा विभाग को दिया पता व ओबीसी प्रमाण पत्र में दर्ज पता सही नहीं पाया गया है। उन्होंने बताया कि ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रुडक़ी को पत्र भेज शिक्षक के स्थाई पते व ओबीसी प्रमाण पत्र के सत्यापन की मांग की है।