30 साल बाद क्षमता से पार हुआ नैनीझील का जलस्तर, पांच गेट खोले
नैनीताल। अधिक बर्फबारी और बारिश के चलते नैनीझील का जलस्तर 30 साल बाद क्षमता से पार होने पर मंगलवार को झील के पांच गेटों को खोल दिया गया। लॉकडाउन के कारण पर्यटन गतिविधियां बंद होने से शहर में पानी की खपत घटने का सीधा असर नैनीझील की सेहत पर देखने को मिला। अधिक बर्फबारी और बारिश के चलते जलस्रोत पुनर्जीवित होने से झील का जलस्तर 30 वर्ष बाद सबसे अधिक 10.9 फीट रहा। जो जुलाई में यह ब्रिटिश मानकों के अनुरूप 2.4 फीट अधिक है। मानकों के हिसाब से अगस्त माह के अंत में भी 10 फीट का लेबल रखा जाता है। इससे पहले झील के गेटों को 2018 में खोला गया था। नैनीझील का जल स्तर 30 वर्षों में सबसे में अधिक होने का समाचार प्रकाशित कर इसके निकासी द्वार इस वर्ष जुलाई माह में खोलने की आशंका जताई थी। इसके अनुरूप 28 जुलाई मंगलवार को सिंचाई विभाग की ओर से झील के निकासी द्वारों को खोल दिया है। इस वर्ष अत्यधिक बर्फबारी और बारिश से नैनीझील के जलस्रोत पुनर्जीवित होने को लेबल में सुधार का मुख्य कारण माना जा रहा है। इस मौके पर अधिशासी अभियंता एचसीएस भारती, सहायक अभियंता डीडी सती, अवर अभियंता नीरज तिवारी समेत विभागीय कर्मचारी व अन्य लोग मौजूद रहे।
नैनीझील के निकासी द्वार खोलना सुखद है। झील के पांचों निकासी द्वार को 1 इंच तक खोला गया है। झील का जल स्तर 10 फीट होने तक इसे खोला जाएगा -एचसी एस भारती ईई सिचाई
जुलाई में 8.6 फीट के हैं मानक
-नैनीझील के लिए ब्रिटिशकालीन मानक जुलाई माह 8.6 फीट, अगस्त पहले पखवाड़े में 9.6 व दूसरे पखवाड़े 10 फीट, सितंबर पहले पखवाड़े तक 11 फीट तथा सितंबर अंत तक12 फीट रखने के मानक हैं।
मानक के चलते ही अत्यधिक स्तर
-जुलाई माह में निर्धारत 8.6 फीट के मानकों के क्रम में ही इसे बीते 30 बर्षों में जुलाई माह का अत्यधिक स्तर माना जाता है। इसकी देखभाल करने वाली पीडब्ल्यूडी की ओर से निर्धारित मानक के बाद खोल दिया जाता है। हालांकि 80 के दशक में भी कई बार झील का जल स्तर 10 फीट अथवा उसके समकक्ष रखा गया। 2000 के बाद बारिश और पर्यटकों की आवक के चलते पानी का लेबल चुनौती हो बन गया। 2016-2017 में फरवरी माह में ही झील का लेबल जीरो पर आ गया था, जो प्रशासन के लिए चुनौती रहा। इसीलिए इस वर्ष जुलाई में झील का मानक अत्यधिक रखा गया। इसके बाद आज इसे खोल दिया गया।