नगरपालिका कर्मचारियों ने ली हड़ताल वापस

रुडक़ी। सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाते समय पुलिस चौकी पर खड़ी पुरानी मोटरसाइकिल पर मलबा गिरने से नाराज पुलिसकर्मियों ने नगरपालिका की जेसीबी को कब्जे में लेकर चालक को हिरासत में लिया था। काफी प्रयास के बाद भी जेसीबी मशीन तथा चालक को नहीं छोड़ा जा रहा था। जिसके बाद मंगलवार की शाम पालिका कर्मियों ने गेट मीटिंग का आयोजन कर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए हड़ताल का नोटिस जारी कर दिया था। देर शाम पुलिस ने बिना शर्त नगरपालिका की जेसीबी तथा उसके चालक को पालिका कर्मचारियों की सुपुर्दगी में दे दिया। जिसके बाद कर्मचारियों ने भी हड़ताल का निर्णय वापस ले लिया है।
शहर चौकी के बराबर में नगर पालिका की भूमि पर एक व्यक्ति द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया था। वहां पर बने एक पुराने नलकूप भवन को भी हटाया जाना था। इस भूमि पर नगर पालिका शॉपिंग कांप्लेक्स बनाए जाने की तैयारी कर रही है। जिस समय नगरपालिका की जेसीबी मशीन अतिक्रमण को हटा रही थी तो उसी समय वहां पर खड़ी कुछ पुरानी बाइकों पर मलबा जा गिरा था। इससे पुलिसकर्मियों ने नाराजगी जताई और नगर पालिका के जेसीबी चालक को हिरासत में लेते हुए जेसीबी मशीन को अपने कब्जे में ले लिया था। बाद में कर्मचारियों द्वारा पुलिस से कहा गया था कि यदि उनका कोई नुकसान हुआ है तो वह उसकी भरपाई करने के लिए तैयार हैं। लेकिन इस प्रकार से उनके साथी को हिरासत में नहीं रखा जा सकता। पुलिस से कई दौर की वार्ता विफल होने पर नगर पालिका कर्मचारियों द्वारा मंगलवार की शाम गेट मीटिंग का आयोजन किया गया। जिसके बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का नोटिस जारी कर दिया गया।
बुधवार को सभी कर्मचारियों को हड़ताल पर जाना था लेकिन पुलिस व पालिका कर्मियों में एक बार फिर वार्ता हुई। जिसके बाद पुलिस ने बिना शर्त जेसीबी को रिलीज किया साथ ही उसके चालक को भी छोड़ दिया। मामला निपटने के बाद पालिका कर्मियों ने भी हड़ताल का नोटिस वापस ले लिया। स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ मंगलौर यूनिट के महामंत्री शमशाद अहमद ने बताया कि उनकी कोई लड़ाई नहीं है केवल गलतफहमी के कारण यह पूरी घटना हुई है।