नदियों में मूर्ति आदि वस्तुओं के विसर्जन पर होगी सजा
अल्मोड़ा। अपर जिलाधिकारी चन्द्र सिंह मर्ताेलिया ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत विशेष रूप से त्यौहारों के अवसर पर नदियों एवं अन्य जल निकायों में मूर्तियों, पूजा सामग्री और धार्मिक भेंट की अन्य वस्तुओं के विसर्जन पर प्रतिबन्ध के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश राष्ट्रीय हरित अधिकरण के पारित आदेशों के अनुपालन में केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा मूर्ति विसर्जन हेतु संशोधित गाइड लाइन्स जारी की गयी है। उन्होंने उक्त के सम्बन्ध में समस्त उपजिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि नदियों एवं अन्य जल धाराओं में मूर्ति, पूजा सामग्री एवं अन्य धार्मिक वस्तुओं के निस्तारण को रोकने हेतु राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 की धारा 5 के अन्तर्गत कार्यवाही की जायेगी, जिसमें 05 वर्ष की सजा एवं 01 लाख का अर्थदण्ड अथवा दोनों आरोपित किये जायेंगे। उन्होंने एनजीटी के निर्देशों का उल्लघंन करने वाले व्यक्तियों से पर्यावरणीय मुआवजे के लिए उत्तरदायी बनाये जाने तथा कोविड-19 के संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए नदी/जल निकायों के किनारे सांस्कृतिक/धार्मिक कारणों से सामूहिक सभा और विसर्जन आदि की अनुमति आगामी त्यौहारों के दौरान सख्ती से अनुपालन कराए जाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने सभी उप जिलाधिकारियों से आगामी त्यौहारी सीजन के दृष्टिगत नदियों एवं जल धाराओं में मूर्ति, पूजा सामग्री एवं अन्य धार्मिक वस्तुओं के विसर्जन को रोकने हेतु आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये है।